World News: भारत और रूस के बीच रक्षा और ऊर्जा सहयोग को नई गति मिली है। रूस ने भारत को सस्ते दामों पर कच्चे तेल की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया है। साथ ही, दोनों देश रूसी S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं। यह विकास तब हुआ है जब अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं।
रूस से मिल रहा है सस्ता तेल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने भारत को सितंबर और अक्टूबर में लोड होने वाले तेल के लिए अधिक छूट दी है। रूस का यूराल क्रूड अब ब्रेंट क्रूड से 3-4 डॉलर प्रति बैरल सस्ता है। इससे पहले यह छूट केवल 1-2.50 डॉलर थी। इसके चलते भारत को रूस से तेल की आपूर्ति 10-20% बढ़ने की उम्मीद है।
भारत के लिए क्या हैं फायदे
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। सस्ता तेल आयात करने से देश का खर्च कम होगा। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा फायदा है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया और टैरिफ
अमेरिका इस डील से खुश नहीं है। उसने पहले ही भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगा दिए हैं। अमेरिकी नेता आरोप लगाते हैं कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मदद कर रहा है। उनका कहना है कि भारत ने इस तेल को दोबारा बेचकर अरबों डॉलर कमाए हैं।
S-400 मिसाइल सिस्टम पर नई डील
दोनों देश रक्षा सौदों पर भी आगे बढ़ रहे हैं। रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, भारत और रूस S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं। भारत ने 2018 में 5.5 अरब डॉलर में पांच S-400 यूनिट खरीदने का करार किया था।
S-400 सिस्टम की क्या है खासियत
S-400 दुनिया की सबसे उन्नत हवाई रक्षा प्रणालियों में से एक है। यह system भारत की हवाई सुरक्षा को मजबूत करता है। भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसका इस्तेमाल किया था। यह पाकिस्तान और आतंकी ठिकानों पर हमले से बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
मोदी-पुतिन की मुलाकात ने बढ़ाई गर्मजोशी
हाल ही में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई। दोनों नेता अपने मजबूत रिश्तों की तारीफ करते नजर आए। पुतिन ने पीएम मोदी को ‘प्यारा दोस्त’ कहा। इस मुलाकात ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकेत दिया है।
