शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

भारत: फ्रांस से 114 राफेल F4 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में जुटा, जानें J-35A से कैसे खतरनाक

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New Delhi News: भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अपनी वायुसेना को मजबूत कर रहा है। भारत फ्रांस से एक सौ चौदह राफेल F4 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर रहा है। यह सौदा भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को काफी बढ़ा देगा। इसी बीच चीन ने अपना J-35A स्टील्थ फाइटर विमान दुनिया के सामने पेश किया है।

राफेल F4 फ्रांस का सबसे उन्नत बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है। इस विमान में स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली लगी है। यह प्रणाली दुश्मन की लंबी दूरी की मिसाइलों को भ्रमित कर सकती है। इसके थेल्स AESA रडार और OSF IRST सिस्टम पायलट को दुश्मन को पहले देखने की क्षमता देते हैं।

राफेल की मेटोर मिसाइल को चीन की PL-15 मिसाइल से बेहतर माना जाता है। यह विमान वायु श्रेष्ठता, जमीनी हमले, परमाणु हमले और टोही मिशन एक साथ कर सकता है। इसका डेल्टा-कैनार्ड डिजाइन इसे अत्यंत फुर्तीला बनाता है।

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चीन का J-35A स्टील्थ फाइटर

चीन ने अपना दूसरा पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर J-35A पेश किया है। मूल रूप से इसे विमानवाहक पोत के लिए विकसित किया गया था। अब इसका जमीनी संस्करण भी उपलब्ध है। इसका डिजाइन रडार में पकड़ में आने से बचने के लिए बनाया गया है।

इस विमान में आंतरिक हथियार डिब्बे और PL-15 तथा PL-10 मिसाइलें लगी हैं। यह मिसाइलें इसे लंबी दूरी और हवाई लड़ाई दोनों में खतरनाक बनाती हैं। चीन का दावा है कि इसका WS-19 इंजन इसे सुपरसोनिक गति देता है। अभी तक यह विमान युद्धक्षेत्र में परखा नहीं गया है।

चीन इस विमान को अपने मानवरहित हवाई वाहनों और J-20 फाइटरों के साथ जोड़कर इस्तेमाल करना चाहता है। इससे चीन की वायुसेना की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। भारत को इस चुनौती का सामना करने के लिए अपनी क्षमताएं बढ़ानी होंगी।

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तुलनात्मक क्षमता विश्लेषण

J-35A विमान बीवीआर तकनीक से लैस है। इससे इसे शुरुआती लाभ मिल सकता है। परंतु राफेल की स्पेक्ट्रा प्रणाली और मेटोर मिसाइल इस लाभ को कम कर सकती हैं। हवाई लड़ाई में राफेल F4 अपनी फुर्त और हेलमेट-माउंटेड साइट के कारण J-35A पर भारी पड़ सकता है।

J-35A की गतिशीलता और इंजन क्षमता अभी प्रश्नों के घेरे में हैं। राफेल भारत के AWACS, Su-30MKI और जमीनी रडार से जुड़कर चीन की स्टील्थ बढ़त को संतुलित कर सकता है। चीन अपने मानवरहित विमानों और संख्यात्मक बल पर निर्भर कर रहा है।

भारतीय वायुसेना के पास राफेल के अलावा सुखोई और तेजस जैसे लड़ाकू विमान भी हैं। राफेल विमान ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। यह विमान भारत की वायु सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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