शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारतीय डाक: अमेरिका के लिए डाक सेवाएं आज से फिर शुरू, 50% कस्टम ड्यूटी लागू

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India News: भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 से फिर से शुरू कर दी हैं। अगस्त में अमेरिकी सीमा शुल्क नियमों में बदलाव के कारण ये सेवाएं लगभग दो महीने के लिए निलंबित कर दी गई थीं। नई व्यवस्था के तहत, अमेरिका भेजे जाने वाले हर डाक पार्सल पर घोषित मूल्य का 50 प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा, जिसका भुगतान अब भारत में ही करना होगा।

डाक विभाग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। विभाग ने कहा कि सेवाओं का निलंबन अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा द्वारा आयात शुल्क के संग्रह और भुगतान के लिए लागू नए नियामक प्रावधानों के कारण जरूरी हो गया था। अब इन संशोधित आवश्यकताओं का पालन करने के लिए एक स्पष्ट तंत्र विकसित कर लिया गया है।

यह निलंबन अमेरिका के कार्यकारी आदेश 14324 के कारण लगाया गया था, जिसने 800 डॉलर तक के डाक शिपमेंट को मिलने वाली ड्यूटी-मुक्त छूट को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से सभी शिपमेंट, चाहे उनका मूल्य कुछ भी हो, अमेरिका में कस्टम ड्यूटी के अधीन हो गए थे। इस बदलाव के बाद एयरलाइनों और अन्य वाहकों ने भारत से अमेरिका के लिए डाक ले जाने से इनकार कर दिया था।

नई व्यवस्था के तहत, भारतीय डाक एक ‘डिलीवर्ड ड्यूटी पेड’ प्रणाली को लागू कर रहा है। इसके अंतर्गत, अमेरिका को भेजे जाने वाले हर पार्सल पर लागू होने वाली कस्टम ड्यूटी का भुगतान भारत में बुकिंग के समय ही अदा कर दिया जाएगा। यह राशि डाक विभाग द्वारा सीधे अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग को भेज दी जाएगी। इस पद्धति से अमेरिका में कस्टम निकासी तेज होगी और प्राप्तकर्ता को किसी अतिरिक्त शुल्क या देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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छोटे व्यापारियों और निर्यातकों को बड़ा लाभ

इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि डाक विभाग ग्राहकों से डीडीपी सेवाओं के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि डाक दरें पहले की तरह ही बनी रहेंगी। इसका सीधा लाभ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स निर्यातकों को मिलेगा, जो अपने उत्पादों को अमेरिका भेजने के लिए सस्ते डाक चैनल पर निर्भर हैं।

डाक विभाग के अनुसार, निजी कूरियर कंपनियों की तुलना में डाक सेवाएं अब भी काफी सस्ती हैं। निजी कंपनियां डाक विभाग से तीन गुना तक अधिक शुल्क ले सकती हैं और उनकी दरें उत्पाद के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं। डाक चैनल के जरिए शिपमेंट पर केवल एक फ्लैट 50 प्रतिशत सीमा शुल्क ही लगेगा, कोई अतिरिक्त उत्पाद-विशिष्ट शुल्क नहीं लगेंगे।

लोगों के जीवन और व्यापार पर प्रभाव

अमेरिका के लिए डाक सेवाओं का फिर से शुरू होना भारत में रहने वाले उन लाखों लोगों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है, जिनके परिवार के सदस्य अमेरिका में रहते हैं या पढ़ाई कर रहे हैं। यह सेवा उन्हें अपने बच्चों और रिश्तेदारों को दवाइयां, त्योहारी उपहार और महत्वपूर्ण दस्तावेज भेजने का एक विश्वसनीय और किफायती जरिया उपलब्ध कराती है। दिवाली जैसे त्योहारों पर तो यह सेवा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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पुणे के एक डाक अधिकारी ने बताया कि दिवाली के मौके पर अमेरिका भेजे जाने वाले पार्सल में लगभग 50 प्रतिशत ‘फराल’ यानी त्योहारी मिठाइयां और नमकीन होते हैं। उन्होंने यह भी सूचित किया कि अमेरिका भेजे जाने वाले प्रत्येक पार्सल का मूल्य 100 डॉलर से कम होना चाहिए। दुकान से खरीदे गए सामान के लिए खरीद की रसीद और सामान की सूची पार्सल के साथ संलग्न करना जरूरी है।

भविष्य की राह

भारतीय डाक द्वारा अमेरिका को डाक सेवाओं को फिर से शुरू करना न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि देश के छोटे व्यवसायों और निर्यातकों के लिए भी एक सकारात्मक कदम है। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ जैसी सरकारी पहलों को भी मजबूती प्रदान करेगा। डाक सेवाओं की बहाली से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नई गति आने की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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