New Delhi News: भारत की तस्वीर तेजी से बदल रही है। देश में चमचमाती सड़कें और ऊंची इमारतें तो दिख रही हैं, लेकिन असली पैसा कहां बन रहा है? सरकारी आंकड़ों ने देश की आर्थिक स्थिति की पोल खोल दी है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) बढ़कर 1,14,710 रुपये हो गई है। पिछले एक दशक में इसमें करीब 42 हजार रुपये का इजाफा हुआ है। हालांकि, यह तरक्की हर राज्य में एक जैसी नहीं है। कुछ राज्य अमीरी के शिखर पर हैं, तो कुछ अभी भी संघर्ष कर रहे हैं।
कर्नाटक ने मारी बाजी, बना सबसे अमीर
कमाई के मामले में कर्नाटक देश का नंबर वन राज्य बन गया है। यहां की प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा 2,04,605 रुपये दर्ज की गई है। आईटी सेक्टर और स्टार्टअप्स की मजबूती ने कर्नाटक को इस मुकाम पर पहुंचाया है। इसके बाद तमिलनाडु का नंबर आता है, जहां औसत कमाई 1,96,309 रुपये है। हरियाणा 1,94,285 रुपये की आय के साथ तीसरे स्थान पर कब्जा जमाए हुए है।
महाराष्ट्र और तेलंगाना भी पीछे नहीं
अमीरों की इस लिस्ट में तेलंगाना चौथे नंबर पर है। वहां प्रति व्यक्ति आय 1,87,912 रुपये है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर है, जहां यह आंकड़ा 1,76,678 रुपये है। पहाड़ी राज्यों में हिमाचल प्रदेश ने कमाल कर दिया है। वहां औसत आय 1.63 लाख रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश भी उन राज्यों में शामिल हैं, जहां सालाना कमाई एक लाख रुपये के पार है।
इन राज्यों में कमाई की रफ्तार धीमी
देश के कई बड़े राज्यों में हालात अब भी चिंताजनक हैं। मध्य प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल में प्रति व्यक्ति आय एक लाख रुपये से भी कम है। आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में यह 70,343 रुपये, असम में 81,127 रुपये और पश्चिम बंगाल में 82,781 रुपये है। छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में भी कमाई का स्तर राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे है। यह अंतर देश के भीतर मौजूद गहरी आर्थिक खाई को दिखाता है।
क्यों है राज्यों में इतना बड़ा अंतर?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इस असमानता की वजह बताई है। उनके मुताबिक, राज्यों के बीच प्रति व्यक्ति आय में अंतर के कई कारण हैं। जिन राज्यों में उद्योग, निवेश और शहरीकरण ज्यादा है, वहां कमाई तेजी से बढ़ी है। वहीं, जो राज्य मुख्य रूप से खेती पर निर्भर हैं या जहां उद्योगों की कमी है, वे पिछड़ रहे हैं। शिक्षा और रोजगार के अवसर भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं।
