India News: भारत ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर चल रहे संघर्ष को लेकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करता है। उसने अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोषी ठहराने की आदत बना ली है। यह बयान तालिबान विदेश मंत्री की भारत यात्रा के बाद आया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने तीन महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट कीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है। वह अपनी आंतरिक समस्याओं के लिए पड़ोसियों को दोष देता है। पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपनी संप्रभुता का प्रयोग कर रहा है।
तालिबान विदेश मंत्री की भारत यात्रा
यह घटनाक्रम तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा के दौरान सामने आया। मुत्ताकी ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को दूर करते हुए स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी विदेशी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। यह आश्वासन भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले किए थे। इन हमलों में अफगान नागरिकों की मौत हुई थी। भारत ने इन नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान का दावा था कि उसने एक तालिबान कमांडर को निशाना बनाया था। हालांकि बाद में उस कमांडर ने ऑडियो संदेश जारी करके अपनी सुरक्षित स्थिति की पुष्टि की।
भारत की स्पष्ट रणनीति
भारत ने अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपना समर्थन दोहराया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थिति पाकिस्तान की कार्रवाइयों के कारण उत्पन्न हुई है। भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़ है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। दोनों देशों की सीमा पर झड़पें हो रही हैं। भारत ने इस पूरे मामले में अफगानिस्तान का समर्थन किया है। यह रुख क्षेत्रीय राजनीति में भारत की स्पष्ट रणनीति को दर्शाता है। भारत की विदेश नीति में स्पष्टता और दृढ़ता देखने को मिल रही है।
आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रुख
भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाता रहा है। यह बयान उसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए स्पष्ट शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे भारत के रुख में कोई नरमी नहीं दिख रही है।
अफगानिस्तान में बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बीच भारत ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। भारत अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहता है। साथ ही वह पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है। यह दृष्टिकोण क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
