शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारत: अमेरिकी टैरिफ मांग को फिनलैंड ने किया खारिज, कहा- भारत के साथ बढ़ाएंगे व्यापार

Share

World News: फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनेन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की भारत पर नए टैरिफ लगाने की मांग को ठुकरा दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने और टैरिफ कम करने की दिशा में काम कर रहा है। यह बयान अमेरिका के करीबी माने जाने वाले देश की ओर से आया है।

वाल्टोनेन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान एक इंटरव्यू में यह स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने रूस से ऊर्जा खरीद को लेकर भारत पर द्वितीयक टैरिफ लगाने के विचार को अस्वीकार कर दिया। फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब के ट्रंप के साथ अच्छे संबंधों के बावजूद यह रुख सामने आया है।

यूरोप की रणनीति पर फिनलैंड का जोर

फिनलैंड की विदेश मंत्री ने कहा कि यूरोप की प्राथमिकता सीधे रूस पर प्रतिबंध लगाना है। उन्होंने बताया कि तेल मूल्य सीमा जैसे उपायों से रूस से कच्चे तेल के आयात में नब्बे प्रतिशत तक की कमी आई है। यूरोप इस नीति को पर्याप्त प्रभावी मानता है और भारत जैसे साझेदारों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का समर्थन नहीं करता।

यह भी पढ़ें:  CJI गवई से वकील को पड़ी फटकार: कहा, 'यह जनहित याचिका नहीं, पब्लिसिटी स्टंट है'

वाल्टोनेन ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को तेजी से अंतिम रूप देने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि नए टैरिफ लगाने के बजाय मौजूदा टैरिफ घटाने और व्यापार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यूरोपीय संघ भारत के साथ एफटीए वार्ता को शीघ्र पूरा करने के प्रति गंभीर है।

भारत के साथ संबंधों को मिली प्राथमिकता

फिनलैंड के इस रुख से भारत-यूरोप संबंधों की मजबूती का संकेत मिलता है। वाल्टोनेन ने भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिनलैंड के राष्ट्रपति के बीच हुई हालिया फोन वार्ता का सकारात्मक जिक्र किया।

यूरोपीय संघ उम्मीद करता है कि भारत भू-रणनीतिक मामलों में उसके दृष्टिकोण के और करीब आएगा। फिनलैंड ने यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने में भारत की बढ़ती भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। इससे दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक सहयोग के नए द्वार खुलने की संभावना है।

यह भी पढ़ें:  Congress: सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखना पड़ा भारी, ओडिशा के दिग्गज नेता पार्टी से बाहर

अमेरिका और यूरोप के बीच अलग रुख

अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर पहले ही टैरिफ लगा रखे हैं। अमेरिकी दावा है कि भारत रूस के यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से वित्तपोषित कर रहा है। इसके विपरीत यूरोप ने भारत के साथ सहयोग और आर्थिक संबंध बढ़ाने का रास्ता चुना है।

फिनलैंड के इस बयान से वैश्विक व्यापार में एक नई राजनीतिक गतिशीलता देखने को मिल रही है। यूरोपीय देश अमेरिकी दबाव के बावजूद अपनी स्वतंत्र विदेश नीति बनाए हुए हैं। भारत के लिए यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के नए अवसर लेकर आई है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News