शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारत-मिस्र रिश्ते: मुस्लिम देशों में पाकिस्तान की पकड़ हो रही कमजोर, भारत बन रहा पसंदीदा साझेदार; जानें क्यों

Share

World News: मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती का भारत दौरा वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दौरा भारत और मुस्लिम दुनिया के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग का संकेत देता है। इस विकास ने पाकिस्तान की कश्मीर केंद्रित कूटनीति को गंभीर चुनौती दी है। अब अरब देश भारत को प्राथमिकता दे रहे हैं।

पाकिस्तान लंबे समय से खुद को इस्लामिक जगत का नेता मानता रहा है। वह कश्मीर मुद्दे को लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा। लेकिन हाल के वर्षों में इस्लामिक सहयोग संगठन के भीतर ही भारत के प्रति रुख नरम हुआ है। अधिकांश प्रमुख मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान का खुला समर्थन करने से परहेज किया है।

खाड़ी देशों का बदलता रुख

सऊदी अरब और यूएई जैसे देश अब पाकिस्तान से दूरी बना रहे हैं। ये देश भारत को अपना महत्वपूर्ण साझेदार मानते हैं। ऊर्जा सुरक्षा, निवेश और व्यापार जैसे मुद्दे उनकी प्राथमिकता बन गए हैं। हाल ही में इन देशों ने पाकिस्तान के प्रति अपनी नीतियों में बदलाव किए हैं।

यूएई और सऊदी अरब ने पाकिस्तान के कुछ शहरों के नागरिकों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगाया है। यह कदम उनके बदलते रुख को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। वे भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता: तुर्किये में बातचीत जारी, अब भी नहीं हुआ कोई समझावेज

आर्थिक हितों ने बदली तस्वीर

खाड़ी देश अब अपनी अर्थव्यवस्थाओं को तेल पर निर्भरता से मुक्त करना चाहते हैं। भारत की मजबूत और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था उनके लिए आकर्षण का केंद्र है। वे दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी चाहते हैं जो स्थिरता और विकास सुनिश्चित करे।

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। लाखों भारतीय पेशेवर खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। प्रधानमंत्री मोदी को कई मुस्लिम देशों से सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिल चुके हैं।

ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध

मिस्र के साथ भारत के संबंध अशोक के शिलालेखों तक पुराने हैं। महात्मा गांधी और साद जघलौल ने इन रिश्तों को नई दिशा दी। यह संबंध केवल धर्म पर आधारित नहीं हैं बल्कि साझा इतिहास और मूल्यों पर टिके हैं।

भारत कई अरब देशों के साथ सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग बढ़ा रहा है। यह विकास क्षेत्रीय संतुलन को भारत के पक्ष में बदल रहा है। तुर्की और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग के बावजूद भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

यह भी पढ़ें:  डोनाल्ड ट्रंप: चार्ली कर्क की स्मृति सभा में उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति के साथ किया डांस, सोचिए मीडिया पर मचा बवाल

अफगानिस्तान में भारत की भूमिका

अफगानिस्तान में भारत के विकास कार्यों ने मुस्लिम देशों में उसकी साख बढ़ाई है। भारत ने वहां स्कूल, सड़कें और संसद भवन का निर्माण कराया। तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी भारत ने सीमित जुड़ाव बनाए रखा।

भारत की इस नीति ने अफगान जनता का विश्वास जीता है। तकनीकी मिशन के माध्यम से जुड़ाव बनाए रखना भारत की कूटनीतिक सफलता है। यह दृष्टिकोण मुस्लिम दुनिया में सराहना पा रहा है।

फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत का रुख

फिलिस्तीन का मुद्दा मुस्लिम देशों के लिए अत्यंत संवेदनशील है। भारत ने लगातार फिलिस्तीन के लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है। भारत ने फिलिस्तीन को मानवीय सहायता भी प्रदान की है।

यह रुख मुस्लिम देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत कर रहा है। भारत की संतुलित विदेश नीति ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी विश्वसनीयता बढ़ाई है। मिस्र के विदेश मंत्री का दौरा इसी बदलाव का हिस्सा है।

खाड़ी सहयोग परिषद के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत तेज हुई है। यह विकास भारत और खाड़ी देशों के बीच आर्थिक एकीकरण को दर्शाता है। यह साझेदारी भविष्य में और मजबूत होने की संभावना है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News