शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

भारत और यूएई ने तीसरे देशों में निवेश के लिए किया ऐतिहासिक समझौता, जानें क्या होंगे फायदे

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New Delhi News: भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने एक बड़े रणनीतिक कदम की घोषणा की है। दोनों देश अब मिलकर तीसरे देशों में बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों में निवेश करेंगे। इस समझौते को सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई रक्षा समझौते के जवाब में एक सशक्त कूटनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे न केवल तीसरे देशों के विकास को बल मिलेगा बल्कि भारतीय पेशेवरों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए करार से कहीं अधिक व्यापक है।

गोयल ने यूएई के विदेश व्यापार मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेयोदी के साथ एक बैठक की। इसके बाद इस महत्वपूर्ण फैसले का ऐलान किया गया। दोनों पक्षों ने संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई। इस सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नई गति मिलने की उम्मीद है।

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यूएई के बैंकर भारत में निवेश बढ़ाने को उत्सुक हैं। उन्होंने भारत में व्यापार के विस्तार में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इससे भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलने की संभावना है। यह साझेदारी दोनों देशों की वैश्विक आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है।

दोनों देश इंफ्रास्ट्रक्चर, खनन और आवास जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यूएई में पहले से मौजूद ‘इंडिया मार्ट’ की तर्ज पर अन्य देशों में भी प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इससे छोटे व्यवसायियों और एमएसएमई सेक्टर को बड़े पैमाने पर निर्यात का मौका मिलेगा।

इस डील का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान देना है। भारत और यूएई दोनों के पास इस तरह के बड़े निवेश के लिए पर्याप्त संसाधन और क्षमता है। यह कदम क्षेत्रीय आर्थिक गतिशीलता को नया आयाम देगा। इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और गहरी होगी।

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इस समझौते के व्यापक आर्थिक और राजनीतिक निहितार्थ हैं। यह भारत की बढ़ती वैश्विक पहुंक को दर्शाता है। साथ ही, यह मध्य पूर्व क्षेत्र में बदलते रणनीतिक समीकरणों का भी एक संकेत है। भारत ने यूएई के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी है।

यह साझेदारी दीर्घकालिक आर्थिक लाभ प्रदान करेगी। इससे निर्माण, प्रौद्योगिकी और सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। दोनों देशों की कंपनियों को नए बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। यह कदम आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाएगा।

भारत और यूएई के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत हैं। यह नया समझौता इन संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाएगा। यह द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने का एक सराहनीय प्रयास है। इसका लक्ष्य टिकाऊ और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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