Maharashtra News: मुंबई के दादर में एक व्यक्ति पर कबूतरों को दाना डालने का मामला दर्ज हुआ। शनिवार को कार की छत से अनाज डाला गया। शिवाजी पार्क पुलिस ने कार जब्त की। लालबाग निवासी महेंद्र संकलेचा पर सार्वजनिक उपद्रव और बीमारी फैलाने का आरोप है। बीएमसी के प्रतिबंध के बाद विवाद बढ़ा। बॉम्बे हाईकोर्ट में मामला चुनौती दी गई है।
पुलिस की कार्रवाई और आरोप
शनिवार को दादर में महेंद्र संकलेचा ने कार की छत पर अनाज रखा। कबूतरों को दाना डाला। शिवाजी पार्क पुलिस ने कार्रवाई की। कार को जब्त कर लिया गया। संकलेचा पर भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज हुआ। उन पर सार्वजनिक उपद्रव और बीमारी फैलाने का आरोप है। पुलिस ने नोटिस जारी किया। जांच शुरू हो गई है। यह मामला बीएमसी नियमों से जुड़ा है।
बीएमसी का प्रतिबंध और विवाद
बीएमसी ने स्वास्थ्य कारणों से कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगाई। कबूतरखानों को बंद करने का आदेश दिया। इस फैसले से विवाद शुरू हुआ। कुछ लोगों ने इसे बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया। उसने कबूतरखानों को बंद करने का आदेश नहीं दिया। बीएमसी के आदेश पर रोक से भी इनकार किया। यह विवाद चर्चा में है।
कबूतरों को दाना डालने का मुद्दा
कबूतरों को दाना डालने से बीमारियां फैलने का खतरा है। बीएमसी ने इसे गंभीरता से लिया। सार्वजनिक स्थानों पर रोक लगाई गई। कबूतरखाने बंद करने का फैसला लिया। कई लोग इस नियम के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि यह परंपरा का हिस्सा है। बीएमसी का कहना है कि स्वास्थ्य सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है।
हाईकोर्ट की भूमिका
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई की। उसने कबूतरखानों को बंद करने का आदेश नहीं दिया। बीएमसी के फैसले पर रोक नहीं लगाई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। याचिकाकर्ताओं ने परंपरा और धार्मिक आधार का हवाला दिया। बीएमसी ने स्वास्थ्य जोखिमों पर जोर दिया। कोर्ट का अंतिम फैसला अभी बाकी है। यह मामला मुंबई में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जनता और प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुंबई में कबूतरों को दाना डालने का चलन आम है। बीएमसी के फैसले से कई लोग नाराज हैं। कुछ ने इसे सांस्कृतिक हमला बताया। दूसरी ओर, बीएमसी ने स्वास्थ्य जागरूकता पर जोर दिया। पुलिस ने सख्ती शुरू कर दी है। संकलेचा का मामला इसका उदाहरण है। लोग नियमों का पालन करने को कहा गया है। यह विवाद लंबा चल सकता है।
