रविवार, दिसम्बर 28, 2025

2025 में इन 6 धार्मिक विवादों ने हिला दिया देश, मंदिर-मस्जिद से लेकर दरगाह तक… कोर्ट के फैसलों ने बदला माहौल!

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India News: भारत में साल 2025 आस्था और कानून के बीच खींचतान का गवाह बना। देश की अलग-अलग अदालतों में धार्मिक विवादों की गूंज सुनाई दी। मदुरै से लेकर मथुरा तक कई पुराने और नए मामले सुर्खियों में रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार दखल देकर स्थितियों को संभाला। कहीं पूजा के अधिकार पर बहस हुई तो कहीं अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की बात उठी। अदालतों ने सख्ती और संयम दोनों का परिचय दिया। चलिए जानते हैं उन 6 बड़े मामलों के बारे में जिन्होंने इस साल देश की राजनीति और समाज पर गहरा असर डाला।

मदुरै में दीप जलाने पर बवाल

तमिलनाडु के मदुरै में कार्तिगई दीपम का मुद्दा साल की शुरुआत में गरमाया। थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर दीप जलाने की जगह को लेकर विवाद हुआ। श्रद्धालु प्राचीन दीपथून स्तंभ पर दीप जलाना चाहते थे। मद्रास हाई कोर्ट ने इसकी इजाजत भी दे दी। राज्य सरकार और मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देकर विरोध किया। आदेश लागू करने के दौरान हंगामा हुआ और पुलिस बल तैनात करना पड़ा। तमिलनाडु सरकार अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई है। फिलहाल वहां सुनवाई चल रही है।

अजमेर शरीफ में बुलडोजर पर ब्रेक

साल के अंत में अजमेर शरीफ दरगाह का मामला चर्चा में आया। केंद्र सरकार ने दरगाह परिसर में अवैध निर्माण हटाने का फैसला किया। इसके खिलाफ दरगाह के खादिम दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने सरकार को सख्त निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि बिना सुनवाई के कोई तोड़फोड़ नहीं होगी। प्रभावित पक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। कोर्ट ने दरगाह कमेटी के गठन की प्रक्रिया तेज करने को भी कहा। यह मामला अभी विचाराधीन है।

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संभल की जामा मस्जिद और मंदिर का दावा

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद विवाद ने 2025 में नया मोड़ लिया। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह भगवान कल्कि का हरि हर मंदिर है। निचली अदालत ने यहां सर्वे का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कार्रवाई पर रोक लगा दी। अदालत ने दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने साफ किया कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक वहां कोई बदलाव नहीं होगा।

बांके बिहारी मंदिर में प्रबंधन की लड़ाई

वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का मामला भी कोर्ट पहुंचा। यहां विवाद आस्था का नहीं, बल्कि व्यवस्था का था। सवाल यह था कि मंदिर का नियंत्रण सरकार के पास हो या पुजारियों के पास। सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ संभालने और सुरक्षा के लिए एक कमेटी बनाई। सेवायत पुजारियों ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने कमेटी के अधिकारों को चुनौती दी। कोर्ट अब तय करेगा कि सरकारी हस्तक्षेप कितना जरूरी है।

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मथुरा का कृष्ण जन्मभूमि विवाद

मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह का मामला पूरे साल सुर्खियों में रहा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को उपासना स्थल अधिनियम के खिलाफ बताया था। शीर्ष अदालत ने साफ कहा कि सभी अपीलों पर फैसले तक कोई नई कार्रवाई नहीं होगी। कोर्ट ने शांति बनाए रखने को प्राथमिकता दी है।

ज्ञानवापी में पूजा और सर्वे पर पेंच

वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद विवाद 2025 में भी नहीं सुलझा। निचली अदालत ने व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी। इसके अलावा पूरे परिसर के सर्वे की मांग भी उठी। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अदालत ने फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को संयम बरतने को कहा है। यह मामला देश के सबसे पेचीदा धार्मिक विवादों में से एक बन गया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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