चर्चित अभिनेत्री कंगना रणौत इस बार मुंबई आने के बाद से एक नए तनाव में हैं। हालांकि सिद्धिविनायक के दर्शन और नए साल की पार्टी की तस्वीरों के जरिए वह खुद को बिल्कुल सामान्य दिखाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने उनके घर को लेकर चल रहे मुकदमे की सुनवाई में माना है कि इसमें कानून की अवहेलना की गई है।
कंगना रनौत के दफ्तर में हुए कथित निर्माण को लेकर एक मामला बॉम्बे उच्च न्यायालय में चल रहा है। इस मामले में कंगना और बृहन्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) आमने सामने हैं। फिलहाल इस केस में कंगना का पलड़ा भारी दिख रहा है, लेकिन ये जो नया मामला सामने आया है वह दो साल पुराना है।
कंगना रणौत ने दो साल पहले डिंडोशी की स्थानीय अदालत में गुहार लगाई थी कि बीएमसी को उनके घर को लेकर किसी तरह की कार्रवाई करने से रोका जाए। बीएमसी ने तब अपने सर्वे में पाया था कि कंगना ने खार इलाके के अपने घर को दरअसल एक ही मंजिल के तीन फ्लैटों को आपस में समाहित करके बना दिया है। ये फ्लैट खार की एक इमारत की 16वीं मंजिल पर स्थित है।
अदालत ने कंगना की ये याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें अदालत के दखल की जरूरत ही नहीं है। सुनवाई के दौरान अदालत ने ये भी पाया कि तीन फ्लैटों को एक में मिलाने के चलते उस मंजिल का तमाम सारा सार्वजनिक स्थान भी इन फ्लैट के मालिक ने व्यक्तिगत उपयोग में इस्तेमाल कर लिया है। अदालत ने इस बीएमसी से मंजूर नक्शे का गंभीर उल्लंघन पाया है।
कंगना रणौत की अपने घर में हुए फेरबदल को तोड़ने से बीएमसी को रोकने की ये याचिका खारिज करते हुए डिंडोशी अदालत ने उन्हें इसके खिलाफ अपील करने के लिए छह हफ्ते का समय भी दिया है। बीएमसी ने कंगना के घर में हुए इस गैर कानूनी फेरबदल को लेकर मार्च 2018 में नोटिस दिया था।
इस बारे में कंगना रणौत ने शनिवार को एक ट्वीट के जरिए अपना पक्ष रखा और कहा कि महाराष्ट्र सरकार उनके घर को लेकर मिथ्या प्रचार कर रही है। कंगना का दावा है कि वह जिस इमारत में रहती हैं, उसके हर फ्लोर का नक्शा ही ऐसा है। एक फ्लोर पर एक फ्लैट। उन्होंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है और वह अपनी लड़ाई ऊपरी अदालत तक लेकर जाएंगी।