Himachal News: हिमाचल के शिमला जिले में अवैध कब्जा हटाने की मुहिम तेज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश पर कोटखाई के चैंथला गांव में शनिवार को वन भूमि पर लगे सेब के 100 पेड़ काटे गए। यह कार्रवाई वन विभाग ने पुलिस और प्रशासन की निगरानी में की। बारिश के बावजूद टीम ने कटिंग मशीनों से पेड़ काटे। इस मुहिम से स्थानीय किसानों में चिंता है।
कुमारसैन में 320 फलदार पेड़ काटे गए
कुमारसैन के सराहन गांव में भी हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई हुई। वन भूमि पर सेब, नाशपाती और चेरी के 320 पेड़ काटे गए। चार लोगों के बगीचों पर यह कार्रवाई की गई। एक मकान को भी कब्जे में लिया गया और तालाबंदी की गई। वन मंडल कोटगढ़ के अधिकारियों ने बताया कि 14 जुलाई को आगे की कार्रवाई होगी। यह कदम वन संरक्षण के लिए उठाया गया है।
चैंथला में 3800 सेब के पेड़ों पर कार्रवाई
कोटखाई के चैंथला गांव में लगभग 300 बीघा वन भूमि पर अवैध कब्जा है। यहां 3800 सेब के पेड़ लगे हैं। पहले दिन 100 पेड़ काटकर तीन खसरा नंबर की जमीन खाली कराई गई। वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम पांच कटिंग मशीनों के साथ सक्रिय है। बारिश ने कार्रवाई में बाधा डाली, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश का पालन जारी है।
पुलिस सुरक्षा के साथ सख्ती
हाईकोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के लिए छह पुलिस टुकड़ियां तैनात की गईं। शिमला जिला प्रशासन ने चैंथला में हथियारों पर प्रतिबंध लगाया है। यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया। पहले भी अवैध कब्जा हटाने के दौरान विरोध की घटनाएं हुई हैं। प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी से कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश की जा रही है।
हाईकोर्ट का सख्त रुख
हिमाचल हाईकोर्ट ने 2 जुलाई 2025 को वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कब्जाधारियों से हटाने का खर्च वसूलने और खाली जमीन को बाड़बंदी करने का निर्देश दिया। वन विभाग को हर छह महीने में अतिक्रमण की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। ड्रोन का उपयोग कर निगरानी बढ़ाई गई है ताकि नए अतिक्रमण रोके जा सकें।
