Himachal News: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने चंबा में अवैध खनन की शिकायत पर जांच के आदेश दिए। लोडवान गांव की कैचना देवी ने प्रधान पर निजी भूमि पर खनन का आरोप लगाया। भारी मशीनरी से सड़क बनाई गई। इससे उनका घर भूस्खलन के खतरे में है। एनजीटी ने चंबा उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्रवाई के निर्देश दिए। मानसून ने मामले की गंभीरता बढ़ाई।
कैचना देवी की शिकायत
लोडवान गांव की कैचना देवी ने एनजीटी को पत्र लिखा। उन्होंने गांव के प्रधान पर अवैध खनन का आरोप लगाया। उनकी निजी भूमि पर भारी मशीनरी से सड़क बनाई गई। इससे उनका पहाड़ी घर भूस्खलन के खतरे में है। शिकायत में प्रशासनिक निष्क्रियता का भी जिक्र किया। एसडीएम, पुलिस और खनन विभाग को शिकायतें दी गईं। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश
एनजीटी ने चंबा उपायुक्त और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जांच के आदेश दिए। कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया। आदेश की प्रति अधिकारियों को भेजी गई। याचिका में कुछ जानकारी अधूरी थी। जैसे, भूमि का सटीक स्थान और शिकायतों के दस्तावेज। एनजीटी ने अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी। जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी। मामले की सुनवाई नई दिल्ली में हुई।
मानसून ने बढ़ाई चिंता
मानसून के कारण हिमाचल में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ीं। चंबा में अवैध खनन ने स्थिति को गंभीर बनाया। कैचना देवी ने मानसून के दौरान खनन पर रोक की मांग की। इससे पर्यावरणीय आपदा का खतरा बढ़ा है। एनजीटी ने मामले को गंभीरता से लिया। हिमाचल में पहले से ही भूस्खलन और ढांचा गिरने की घटनाएं हो रही हैं। जांच से सच्चाई सामने आएगी।
प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
कैचना देवी ने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी उदासीन रहे। कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। अवैध खनन बिना रुके जारी रहा। याचिका में पूरे हिमाचल में मानसून के दौरान खनन पर रोक की मांग की गई। पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए यह जरूरी है। एनजीटी ने मामले को गंभीर माना।
एनजीटी की सुनवाई और पीठ
मामले की सुनवाई एनजीटी की नई दिल्ली पीठ में हुई। न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ डा. अफरोज अहमद शामिल थे। याचिका में खनन की समय रेखा और दस्तावेजों की कमी थी। एनजीटी ने अधिकारियों से पूरी जानकारी मांगी। जांच के बाद कानूनी कार्रवाई होगी। चंबा प्रशासन को आदेशों का पालन करना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाए जाएंगे।
पर्यावरणीय खतरे पर ध्यान
अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। मानसून में भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। कैचना देवी का घर खतरे में है। हिमाचल में कई क्षेत्र पहले से भूस्खलन से प्रभावित हैं। एनजीटी ने मामले को गंभीरता से लिया। जांच से अवैध खनन की सच्चाई सामने आएगी। प्रशासन को कठोर कार्रवाई करने को कहा गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए त्वरित कदम जरूरी हैं।
