Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बरसात के दौरान अवैध खनन पर रोक के बावजूद माफिया बेखौफ होकर गतिविधियां चला रहा है। नालागढ़ और बद्दी में हाल के मामलों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। माफिया ने अधिकारियों और आम लोगों पर हमले किए, जिसमें जानलेवा गोलीबारी भी शामिल है। इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में डर पैदा कर दिया है। पुलिस ने कुछ मामलों में कार्रवाई शुरू की है।
नालागढ़ में डीएसपी के ससुर पर हमला
नालागढ़ के जगतपुर निवासी बलजीत सिंह राणा पर अवैध खनन माफिया ने हमला किया। देर रात कालाकुंड खड्ड में टिपर और जेसीबी से खनन हो रहा था। बलजीत ने रोका तो गुरजीत और श्याम ने उनसे हाथापाई की और फरार हो गए। पुलिस ने शिकायत पर जेसीबी और टिपर जब्त कर लिया। यह घटना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, क्योंकि माफिया बिना डर के सक्रिय है।
बद्दी में उद्योगपति पर गोलीबारी
बद्दी के झाड़माजरी में उद्योगपति सोनू सिंह पर माफिया ने गोली चलाई। सोनू ने अपने कारखाने के पास अवैध खनन रोकने की कोशिश की थी। रात 11 बजे मैनेजर ने उन्हें खनन की सूचना दी। मौके पर पहुंचने पर सोनू ने माफिया को रोका, जिसके बाद जस्सा, सतीश और राणा सहित 8-10 युवकों ने डंडों से हमला किया। एक युवक ने रिवॉल्वर से गोली चलाई, जो सोनू के पास से गुजरी।
कारखानों को नुकसान, बाढ़ का खतरा
सोनू सिंह के कारखाने बाल्द नदी के किनारे हैं, जहां अवैध खनन से दीवारों को खतरा है। पिछले साल बरसात में खनन के कारण लाखों का नुकसान हुआ था। माफिया ने कारखाने की दीवार के पास जेसीबी और टिपर से खनन किया, जिससे बाढ़ का जोखिम बढ़ गया। सोनू ने पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसमें माफिया की धमकियों और हिंसा का जिक्र है। उद्योग जगत में डर का माहौल है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
बद्दी के एसपी विनोद धीमान ने कहा कि दोनों मामलों में कड़ी कार्रवाई होगी। गोलीबारी की घटना की जांच चल रही है। हालांकि, घटनास्थल एसपी कार्यालय से मात्र 500 मीटर दूर है, फिर भी माफिया बेखौफ है। नालागढ़ में भी पुलिस ने वाहन जब्त किए, लेकिन माफिया की हिम्मत कम नहीं हुई। स्थानीय लोग और उद्योगपति प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
