Himachal Pradesh News: शिमला के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में यौन उत्पीड़न का गंभीर मामला सामने आया है। इस घटना पर प्रदेश महिला आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने कॉलेज प्रबंधन से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और समयबद्ध होनी चाहिए। मीडिया में खबरें आने के बाद प्रशासन ने अब अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।
10 सदस्यीय कमेटी कर रही है कड़ी पूछताछ
महिला आयोग की सख्ती के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने जांच के लिए 10 सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी सेक्सुअल हरासमेंट के आरोपों की हर पहलू से जांच कर रही है। पीड़ित पक्ष के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं। अब कार्यक्रम आयोजन समिति से जुड़े सदस्यों को भी तलब किया गया है। कमेटी यह पता लगा रही है कि कॉलेज हॉल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के क्या इंतजाम थे।
सुरक्षा व्यवस्था और नियमों की होगी समीक्षा
जांच कमेटी मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर ध्यान दे रही है। पहला यह कि क्या कार्यक्रम के दौरान कॉलेज द्वारा तय नियमों का पालन हुआ? दूसरा, कार्यक्रम स्थल पर निगरानी के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी या नहीं? यदि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल कॉलेज प्रबंधन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे पूरी तरह गोपनीय रखा है।
संस्थान की साख पर लगा गहरा दाग
आईजीएमसी में पिछले कुछ समय से लगातार विवाद हो रहे हैं। पहले रैगिंग, फिर डॉक्टर-मरीज विवाद और अब यौन उत्पीड़न की घटना ने संस्थान की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारों का मानना है कि मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हॉस्टल और कॉलेज परिसर में अनुशासन और निगरानी को और अधिक मजबूत करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
महिला आयोग की अध्यक्ष ने दी चेतावनी
हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी ने बताया कि उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से फोन पर बात की है। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कॉलेज प्रशासन ने आयोग को भरोसा दिलाया है कि कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। आयोग इस पूरे घटनाक्रम पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए है।
