Shamli News: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में गुर्जर समाज की खाप पंचायत ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। कलस्यान खाप की महापंचायत में फिजूलखर्ची रोकने के लिए तीन कड़े प्रस्ताव पारित किए गए हैं। गुर्जर समाज के इन सात गांवों में अब शादी और अन्य समारोहों में दिखावा करना भारी पड़ सकता है। पंचायत ने साफ चेतावनी दी है कि इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा भुगतनी होगी। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य समाज के मध्यम और गरीब परिवारों को आर्थिक बोझ से बचाना है।
इन सात गांवों में लागू हुए नए नियम
गुर्जर खाप पंचायत का यह आदेश शामली के बलवा, जसाला, रसूलपुर, ब्रह्मखेड़ा, मीमला, पंजोखरा और खंदरावली गांवों में प्रभावी होगा। बलवा गांव के जूनियर हाई स्कूल में आयोजित इस महापंचायत में समाज के गणमान्य लोग शामिल हुए। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान ने तर्क दिया कि सामाजिक परंपराओं के नाम पर अनावश्यक पैसा बर्बाद हो रहा है। इस Uttar Pradesh News के अनुसार, सभी सात गांवों के प्रतिनिधियों ने इस पर गहन विचार-विमर्श किया और नए नियमों को तुरंत लागू करने पर सहमति जताई।
महापंचायत के 3 मुख्य प्रस्ताव
खाप पंचायत ने गहन चर्चा के बाद तीन प्रमुख बदलाव किए हैं। पहले प्रस्ताव के अनुसार, ‘भात’ न्यौतने के लिए अब केवल 5 से 7 महिलाएं ही जा सकेंगी। दूसरे प्रस्ताव में ‘माता पूजन’ को सादगी से मनाने का निर्देश दिया गया है। अब माता पूजन में न तो हलवाई बुलाया जाएगा और न ही मिठाइयां बांटी जाएंगी। तीसरा बड़ा फैसला Samajik Mudde को ध्यान में रखकर लिया गया है, जिसमें गृह प्रवेश पर अनावश्यक भीड़ जुटाने और भारी खर्च पर रोक लगा दी गई है।
दिखावा रोकने के लिए कड़े कदम
समाज में बढ़ते दिखावे को कम करने के लिए पंचायत ने कई और सुझावों को भी मंजूरी दी है। अब शुभ अवसरों पर मंगलामुखी को केवल 1100 रुपये देने का नियम बनाया गया है। वक्ताओं ने जोर दिया कि बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करना अधिक महत्वपूर्ण है। गृह प्रवेश जैसे कार्यक्रमों के लिए अब बड़े पैमाने पर निमंत्रण नहीं भेजे जाएंगे। खाप ने स्पष्ट किया कि सादगी अपनाने से समाज का भला होगा और लोग कर्ज के जाल में फंसने से बचेंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति और गुर्जर समाज
उत्तर प्रदेश, खासकर पश्चिमी यूपी में गुर्जर समाज का खासा दबदबा है। सामाजिक और राजनीतिक रूप से यह समाज बेहद प्रभावशाली माना जाता है। गुर्जर पंचायतें अक्सर अपने समाज की बेहतरी के लिए कड़े फैसले लेने के लिए जानी जाती हैं। Uttar Pradesh News के गलियारों में भी इस फैसले की चर्चा है, क्योंकि यह समाज अपने आंतरिक मामलों में किसी बाहरी हस्तक्षेप को पसंद नहीं करता। रविवार को लिए गए इन फैसलों को समाज में एक बड़े सकारात्मक बदलाव की शुरुआत माना जा रहा है।
