
अभिवावकों की दो टूक वार्षिक शुल्क नही मान्य, उपायुक्त के समक्ष प्रिंसिपल अभिभावक आमने सामने
लॉक डाउन के दौरान स्कूल बन्द रहने के बावजूद स्कूलों द्वारा ली जा रही वार्षिक शुल्क पर उपजे विवाद उपरांत उपयुक्त मण्डी द्वारा विभिन्न स्कूलों और पेरेंट्स संगठनो की बैठक बुलाई गई। लेकिन अभिवावकों ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए दो टूक कहा कि वार्षिक शुल्क मान्य नही होगा। जो सुविधाए साल भर बच्चो ने ली ही नही उसका शुल्क क्यों दे। बैठक में डीएवी सुन्दरनगर, मण्डी, इंडस सहित अन्य स्कूल प्रिंसिपल ने अपना पक्ष रखा लेकिन मौजूद पेरेंट्स सहमत ना हुए और दोनों पक्ष अपने अधिकारों को लेकर उलझते रहे।
अभिवावकों का आरोप था कि फीस जमा ना करवाने वालो का स्कूल ने रिजल्ट रोक दिया है, जिनके पेपर नही हुए उनके बच्चो को स्कूल ग्रुप से बाहर निकाल दिया है। बार बार फोन व मेसेज कर तंग किया जा रहा है।स्कूलों में कोई पीटीए एसएमसी नही है। स्कूलो में अभिवावक इकट्ठे हो कर अपना पक्ष नही रख सकते। उनको अकेले अकेले अपना पक्ष रखने को कहा जाता है लेकिन कोई सुनवाई नही की जाती। बच्चो की फीस, वर्दी,किताबो व अन्य सबंधित महत्वपूर्ण निर्णय सीधे थोपे जाते है। अभिवावकों का कहना है कि वह 11 माह की जगह 12 माह की ट्यूशन फीस देने को तैयार है लेकिन गेम फीस, सेलिब्रेशन फीस, लाइब्रेरी फीस, साइंस लैब फीस, कम्प्यूटर फीस, डिजिटल क्लास फीस, मासिक सॉफ्टवेयर चार्जेज के नाम पर वार्षिक शुल्क मान्य नही है। ट्यूशन फीस के अलावा ली गई फीस को आगामी ट्यूशन फीस में एडजस्ट करवाया जाए। बच्चो का रिजल्ट अविलम्ब जारी करवाया जाए।
अभिवावकों ने उपायुक्त व मौजूद शिक्षा विभाग के उपनिदेशकों से मांग कि सभी स्कूलों में सवैधानिक तौर पर पीटीए व एसएमसी का गठन करवाने के निर्देश दिए जाए। सभी पेरेंट्स एसोसिएशन के कम से कम 5 पदाधिकारियों को इसमें शामिल किया जाए। पीटीए की माह में कम से कम एक बार बैठक सुनिश्चित की जाए। बिना अभिवावकों की अनुमति कोई निर्णय ना थोपा जाए। स्कूल की वर्दी, किताबो, शूज के लिए कम से कम 5 दुकानदारों को अधिकृत किया जाए।
बैठक में पेरैन्टस एसोसिऐशन सैंट मैरीज सुन्दरनगर, डीएवी पेरेंट्स एसोसिएशन मण्डी व सुन्दरनगर, छात्र अभिवावक संघ जिला मण्डी के सदस्यो सहित पदाधिकारी, उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा व उप निदेशक् उच्च शिक्षा भी उपस्तिथ रहे। बैठक में अंतिम निर्णय देते हुए उपयुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि सभी स्कूलों को लिखित तौर पर निर्देशित किया जा रहा कि एक हफ्ते में अभिवावकों, पीटीए, एसएमसी को बुला कर सभी समस्याओं का उचित समाधान निकाले।