Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) ने अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य देनदारियां चुकाने के लिए 150 करोड़ रुपये का लोन लेने का फैसला किया है। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह ऋण राज्य सहकारी बैंक से लिया जाएगा। इस कदम से सैकड़ों रिटायर्ड कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है जो लंबे समय से अपने पैसों का इंतजार कर रहे थे।
निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पेंशन के मामलों का निर्धारण किया जा रहा है। इस फंड से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की हर देनदारी का भुगतान किया जाएगा। सबसे पहले पेंशन का निपटारा किया जाएगा।
इसके बाद ओवरटाइम और चिकित्सा भत्ते जैसे अन्य वित्तीय लाभ दिए जाएंगे। इस साल की शुरुआत से अब तक रिटायर हुए करीब 250 कर्मचारियों और अधिकारियों को अभी तक उनका पैसा नहीं मिला है। इनमें ग्रेच्युटी और लीव इनकैशमेंट जैसे भुगतान शामिल हैं।
कर्मचारियों की मुश्किलें
इन देरी के कारण रिटायर्ड कर्मचारी निगम के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वे अपनी समस्या का समाधान चाहते थे। इस मामले में उन्होंने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से भी मुलाकात की थी। उप मुख्यमंत्री ने निगम प्रबंधन को इस मसले को हल करने के लिए दो विकल्प दिए थे।
पहला विकल्प था कि कर्मचारी कम्यूटेशन न लें और सीधे पेंशन शुरू कर दी जाए। इस पर लगभग 35 रिटायर्ड कर्मचारियों ने सहमति दी थी। वहीं दूसरे विकल्प में 250 से ज्यादा कर्मचारी ऐसे थे जो कम्यूटेशन की राशि भी लेना चाहते थे।
HRTC का बढ़ता घाटा
यह समस्या निगम के लगातार बढ़ते वित्तीय घाटे की वजह से पैदा हुई है। निगम का संचित घाटा अब 2200 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। मार्च 2023 के अंत में यह घाटा 1966 करोड़ रुपये था। साल दर साल घाटा बढ़ने से प्रबंधन देनदारियां पूरी नहीं कर पा रहा था।
इसी वजह से अब ऋण लेने का रास्ता अपनाया जा रहा है। HRTC में currently 10,853 कर्मचारी कार्यरत हैं। निगम की वित्तीय स्थिति पर नजर रखने वाले जानकार इसे एक गंभीर चुनौती मान रहे हैं। इस कदम से तात्कालिक समस्या का हल तो निकलेगा लेकिन दीर्घकालिक हल की दरकार है।
