Himachal News: हिमाचल पथ परिवहन निगम ने अपनी तबादला नीति में बड़े बदलाव किए हैं। यह निर्णय जुलाई में हुई निदेशक मंडल बैठक में लिया गया था। निगम प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
नई नीति के अनुसार कर्मचारियों और अधिकारियों का तबादला अब साल में केवल एक बार होगा। सभी आवेदन केवल ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। कर्मचारी अपने चार पसंदीदा स्टेशन का विकल्प दे सकेंगे।
नई तबादला प्रक्रिया
कर्मचारियों के सामान्य तबादले साल में केवल एक बार होंगे। इकतीस मार्च के बाद कोई तबादला नहीं होगा। तबादले के लिए पहली जनवरी तक वर्तमान स्थान पर कम से कम तीन साल का कार्यकाल पूरा होना चाहिए।
एक दिन भी कम कार्यकाल होने पर उसे शार्ट स्टे माना जाएगा। जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति दो वर्ष के भीतर है उन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट मिलेगी। म्यूचुअल तबादलों के लिए भी तीन वर्ष का कार्यकाल जरूरी है।
एसएस और एफएस का नया फार्मूला
नई नीति में पहली बार सेंक्शन स्ट्रेंथ और फंक्शनल स्ट्रेंथ का फार्मूला लागू किया गया है। एसएस दर्शाता है कि किसी डिपो में किस श्रेणी के कर्मचारियों की कुल संख्या कितनी है। एफएस बताता है कि कुल सृजित पदों के अनुसार कितने कर्मचारी कार्यरत हैं।
दस जनवरी तक हर डिपो से एसएस और एफएस के तहत कर्मचारियों का ब्यौरा निगम मुख्यालय को भेजा जाएगा। इससे तबादले सही ढंग से किए जा सकेंगे। कई डिपो में सृजित पदों से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
तबादले का समय सारिणी
दस जनवरी से इकतीस जनवरी तक तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन होंगे। फरवरी में निगम मुख्यालय आवेदनों की छंटनी करेगा। तबादलों के लिए प्रबंध निदेशक एक कमेटी गठित करेंगे।
पंद्रह मार्च तक तबादला आदेश जारी कर दिए जाएंगे। इकतीस मार्च तक तबादलों पर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। तबादला होने पर पांच अप्रैल तक रिलीव करना अनिवार्य होगा।
विशेष प्रावधान
पति-पत्नी दोनों एचआरटीसी में कार्यरत हैं तो सह तैनाती का प्रयास किया जाएगा। विशेषकर जब किसी एक ने आवश्यक अवधि पूरी कर ली हो। जनजातीय क्षेत्रों में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारी गैर जनजातीय क्षेत्रों में बदले जाएंगे।
व्यक्तिगत या चिकित्सा कारणों से छूट के लिए कर्मचारी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे मामलों में मेडिकल बोर्ड की सिफारिश और प्रामाणिक दस्तावेज आवश्यक होंगे। विशेषज्ञ कर्मचारियों के मामले में छूट का प्रावधान है।
अनुशासनात्मक प्रावधान
यूनिट अधिकारी यदि समय पर रिलीव नहीं करता तो वह उत्तरदायी होगा। उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। समय पर ज्वाइन नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
नई नीति में चालक, परिचालक, तकनीकी स्टाफ, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और चैकिंग स्टाफ सभी शामिल हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर इकाई पर कुल पदों और कार्यरत कर्मचारियों के बीच संतुलन बनाए रखना है।
