Mandi News: HRTC में बतौर चालक सेवारत सोहनलाल का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया और उनका आज अंतिम संस्कार किया गया है. वहीं, चालक सोहनलाल एक मिसाल बनकर इस दुनिया से गए हैं. चालक सोहनलाल को हार्ट अटैक आया लेकिन उन्होंने कई जिंदगियां बचा लीं.
जिला मंडी की सराज घाटी के डडोह गांव में गुरुवार को आसमान भी खूब रोया. यहां एक ऐसा दुखद हादसा हुआ कि तीन बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया. एचआरटीसी में बतौर चालक सेवारत सोहनलाल का अकस्मात निधन हो गया. गुरूवार को डडोह गांव में सोहनलाल का अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान दुख और पीड़ा के कारण उनकी पत्नी चेतना कुमारी की बार-बार चेतना विलुप्त हो रही थी. मां-पिता का क्रंदन वहां मौजूद लोगों से देखा नहीं जा रहा था. पापा की लाडली तीन बेटियों हरिप्रिया, भूमिका और अनिका टुकुर-टुकुर इस पीड़ा भरे मंजर को देख रही थीं. परिवार पर आई इस विपदा की घड़ी में सारा गांव जड़ होकर रह गया था. एचआरटीसी के सहकर्मी भी अपने प्यारे साथी की मृत्यु से दुख में डूबे हुए थे. बुधवार को सोहनलाल का निधन हुआ था. मंडी के नेरचौक से उसकी पार्थिव देह गुरूवार को पैतृक गांव डडोह लाई गई.
अपनी जान गवाईं, पर बचाई सवारियों की जिंदगी
एक बस चालक पर अनेक सवारियों का भरोसा होता है. सवारियां भरोसा करती हैं कि जिस शख्स के हाथ में बस का स्टेयरिंग है, वो उनकी जान की कीमत जानता है. एचआरटीसी के चालक सोहनलाल ठाकुर ने सवारियों के इस भरोसे को कायम रखा. सरकारी बस चलाते समय सोहनलाल ठाकुर को लगा कि उसकी तबीयत बहुत खराब हो रही है और वो शायद आगे बस को नहीं चला पाएगा. इससे पहले की सोहनलाल की चेतना विलुप्त होती, उसने बस को किनारे लगा दिया. बस को सुरक्षित खड़ा करने के बाद सोहनलाल ने परिचालक को अपनी तबीयत के बारे में बताया.
सोहन को दिल का दौरा पड़ा था. आनन-फानन में उसे अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक औरों को मंजिल पर पहुंचाने वाला सोहनलाल खुद अनन्त सफर पर निकल चुका था. महज 36 साल की आयु में सोहनलाल का देहांत हो गया. उसे अभी चालक के पद पर नियमित हुए सिर्फ दो ही साल बीते थे. सोहनलाल अपने सरल और निश्छल स्वभाव के कारण इलाके में सभी का प्रिय था. पूर्व सीएम व सराज से विधायक जयराम ठाकुर ने सोहनलाल के निधन पर गहरा शोक जताया है. एचआरटीसी प्रबंधन ने भी सोहनलाल के निधन पर दुख जताया और कहा कि उसने सेवाभाव की मिसाल कायम की है. सवारियों की जान को सुरक्षित करने के बाद ही उसने अपनी खराब होती तबीयत के बारे में परिचालक को बताया. इलाका वासियों का कहना है कि सोहन उर्फ सोनू की कर्तव्यपरायणता की मिसाल बरसों तक दी जाती रहेगी.