Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम के कॉरपोरेट कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की अधिसूचना पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने सरकार और एचपीटीडीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी। याचिकाकर्ता ने शिमला में कार्यालय बनाए रखने का तर्क दिया था।
कार्यालय शिफ्टिंग का प्रस्ताव
पर्यटन विकास निगम का कार्यालय वर्तमान में शिमला के रिट्स एनेक्सी भवन में है। सरकार ने इसे धर्मशाला के कांगड़ा जिले में होटल कश्मीर हाउस में अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। अधिसूचना के अनुसार, स्थायी व्यवस्था होने तक कार्यालय यहीं संचालित होगा। शिमला में कार्यालय के लिए होटल हॉलिडे होम के पास जमीन चुनी गई थी, लेकिन अब धर्मशाला में स्थानांतरण होगा।
याचिका में उठाए गए मुद्दे
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पर्यटन विकास निगम के बोर्ड ने शिमला में ही कार्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए जमीन का चयन और औपचारिकताएं पूरी हो चुकी थीं। याचिका में सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई, जिसमें कार्यालय को धर्मशाला शिफ्ट करने का आदेश है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
सुप्रीम कोर्ट ने प्रेम भारद्वाज बनाम हिमाचल सरकार मामले में हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप से इन्कार किया। कोर्ट ने कहा कि पर्यटन विकास निगम से संबंधित नीतियों में अनावश्यक हस्तक्षेप से बचना चाहिए। याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर सके कि सरकार की अधिसूचनाएं नियमों के खिलाफ हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी याचिकाएं जनहित के बजाय व्यक्तिगत हित से संबंधित हैं।
