शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

एचपी शिवा परियोजना: मंडी के किसानों को मिली मेहनत की पहली कमाई, मौसमी की फसल की रिकॉर्ड बिक्री

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Mandi News: हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना एचपी शिवा से जुड़े किसानों को उनकी मेहनत का मीठा फल मिलना शुरू हो गया है। मंडी जिले के धर्मपुर ब्लॉक के अरली परयाल क्लस्टर के दस किसानों ने अपनी मौसमी की पहली फसल की सफल बिक्री की है। उन्होंने 10 क्विंटल मौसमी एपीएमसी कांगणी को बेची। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिला। साथ ही उन्हें ढुलाई व्यय में भी काफी राहत मिली है।

बागवानी विभाग ने दिखाई राह

उद्यान विभाग ने एपीएमसी के साथ मिलकर किसानों के लिए विपणन का मंच तैयार किया। उपनिदेशक उद्यान डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि विभाग ने आढ़तियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित की थीं। इसका सीधा लाभ किसानों को मिला। किसानों ने बताया कि विभाग के सहयोग से उन्हें अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलने के साथ-साथ बाजार तक आसान पहुंच भी मिली है। इस सफलता ने परियोजना की सार्थकता सिद्ध कर दी है।

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना

एचपी शिवा परियोजना हिमाचल प्रदेश सरकार की 1292 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना है। यह एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना है। परियोजना के तहत सात जिलों के 28 विकास खंडों में 6000 हेक्टेयर भूमि को बागवानी के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा गया है।

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मंडी जिला अग्रणी

पूरे प्रदेश में मंडी जिला एचपी शिवा परियोजना में अग्रणी भूमिका निभा रहा है . जिले में 1200 हेक्टेयर भूमि पर 98 क्लस्टरों के माध्यम से विभिन्न फलदार पौधे उगाए जा रहे हैं। इनमें से 40 क्लस्टर पहले ही कार्यशील हो चुके हैं। प्रत्येक क्लस्टर पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

खगराओं गांव में प्लम की सफल खेती

मंडी जिले के सुंदरनगर उपखंड के खगराओं गांव में एचपी शिवा परियोजना की बदौलत प्लम की सफल खेती हुई है। यहां 36 किसानों के एक क्लस्टर ने 11.5 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लम के 7,428 पौधे लगाए हैं। इस साल किसानों को प्लम 100 से 195 रुपये प्रति किलो के भाव से बेचने को मिले। पहले यह भूमि जंगली जानवरों और सिंचाई के अभाव में अनुपयोगी पड़ी थी।

किसानों को मिल रहा है पूरा समर्थन

परियोजना के तहत किसानों को व्यापक सहायता दी जा रही है। उन्हें निःशुल्क उच्च गुणवत्ता वाले पौधे, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, बाड़बंदी और आवश्यक कृषि उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं। तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से बागवानी की उन्नत तकनीकों से भी किसानों को अवगत कराया जा रहा है। इससे किसानों को अपनी उपज की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल रही है।

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सिंचाई सुविधाओं पर विशेष जोर

परियोजना के तहत किसानों को विश्वसनीय सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए कई सिंचाई योजनाओं पर कार्य चल रहा है। ऊना जिले में ही सवा 15 करोड़ रुपये की 7 सिंचाई योजनाओं पर काम जारी है। इनमें उठाऊ पेयजल योजनाएं, पुरानी प्रणालियों का जीर्णोद्धार और चैक डैम निर्माण शामिल हैं।

युवाओं और महिलाओं को मिल रहे नए अवसर

एचपी शिवा परियोजना ने ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नए द्वार खोले हैं। खगराओं गांव की तपस्या जैसी महिला किसानों ने बागवानी का प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल कायम की है। इस परियोजना से न केवल किसानों की आय बढ़ रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

बाजार उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है विभाग

बागवानी विभाग किसानों की उपज की मार्केटिंग सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। हाल ही में एपीएमसी कांगणी में आयोजित खरीदार-विक्रेता मिलन समारोह में एचपी शिवा उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई। व्यापारियों ने अगले सप्ताह के लिए 800 किलोग्राम फल की मांग भी की। इससे स्पष्ट है कि परियोजना से जुड़े किसानों को उनकी उपज के लिए निश्चित बाजार मिल रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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