Himachal Pradesh News: पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर हिमाचल प्रदेश में एक बड़ी सियासी और प्रशासनिक हलचल मची है। राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग के साथ चल रहे विवाद के बीच एक अहम कदम उठाया है। पंचायती राज विभाग ने चुनाव नियमों में किए गए बड़े संशोधन को वापस ले लिया है। यह फैसला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद आया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पहली मई 2025 से लागू संशोधन और उसके आधार पर बने नियमों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। इस फैसले से प्रदेश के 160 जिला परिषद वार्डों का गणित पूरी तरह बदल गया है।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद बदला गेम
राज्य सरकार को यह यू-टर्न हाई कोर्ट के 5 दिसंबर, 2025 के निर्णय के बाद लेना पड़ा। दरअसल, देवेंद्र सिंह नेगी बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य मामले में कोर्ट ने सरकार के फैसले को पलट दिया था। यह मामला शिमला जिला परिषद के जुब्बल-कोटखाई वार्ड से जुड़ा था। कोर्ट ने संशोधन से जुड़ी पहली मई, 2025 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। इसके बाद सरकार ने अब आधिकारिक तौर पर 19 नवंबर, 2025 को अधिसूचित और 20 नवंबर से लागू ‘तृतीय संशोधन नियम, 2025’ को निरस्त कर दिया है।
160 वार्डों पर सीधा असर, पुराने नियम होंगे लागू
इस बड़े फैसले का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा। प्रदेश के कुल 250 जिला परिषद वार्डों में से 160 वार्डों का गठन नए संशोधन के आधार पर किया गया था। अब यह बदलाव रद्द हो गया है। इसका मतलब है कि जिला परिषदों के परिसीमन (Delimitation) और चुनाव की प्रक्रिया अब पुराने नियमों के अनुसार ही चलेगी। जानकारों का मानना है कि इस निर्णय से आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की प्रक्रिया और समय सारिणी पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार को अब कानूनी प्रावधानों के तहत नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
जुब्बल-कोटखाई में घट गई थी सीटें
नए नियमों के कारण शिमला जिले के जुब्बल-कोटखाई में बड़ा बदलाव हुआ था। वहां जिला परिषद वार्ड की संख्या तीन से घटकर दो रह गई थी। नए परिसीमन में एक ब्लॉक की पंचायत और क्षेत्र को दो वार्डों से बाहर कर एक में ही समेट दिया गया था। सरकार ने 20 नवंबर को अधिसूचना जारी कर उपायुक्तों को जनसंख्या के आधार पर सीमाओं में बदलाव का अधिकार दिया था। अब चूंकि यह संशोधन निरस्त हो गया है, तो जुब्बल-कोटखाई समेत अन्य प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति पहले जैसी हो जाएगी।
अधिसूचना रद्द, नए सिरे से होगी तैयारी
पंचायती राज विभाग की ओर से जारी ताजा जानकारी में स्थिति स्पष्ट की गई है। इसके मुताबिक, शिमला जिला परिषद की 17 मई, 2025 की प्रारूप परिसीमन अधिसूचना और 31 मई, 2025 की अंतिम अधिसूचना भी रद्द मानी जाएगी। विभाग ने साफ किया है कि जब कोर्ट ने मूल संशोधन को ही रद्द कर दिया है, तो उसके आधार पर बने बाद के सभी नियम अपने आप बेकार हो गए हैं। अब प्रशासन को पंचायत चुनाव (Panchayat Election) के लिए पुरानी व्यवस्था को ही अपनाना होगा।
