Chandigarh News: केंद्र सरकार ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर पाकिस्तान जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने यह सलाह बारह सितंबर को छह राज्यों को भेजी थी। इस निर्णय के बाद पंजाब में बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है।
गृह मंत्रालय ने इस निर्णय के पीछे सुरक्षा कारणों को बताया है। सरकार ने हाल में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले और वर्तमान सुरक्षा स्थिति का हवाला दिया है। यह प्रतिबंध नवंबर में होने वाले प्रकाश पर्व के दौरान लागू रहेगा। इससे हजारों तीर्थयात्रियों की यात्रा प्रभावित होगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे दोहरे मापदंड की नीति बताया है। मान ने कहा कि जब क्रिकेट मैच हो सकते हैं तो धार्मिक यात्रा क्यों नहीं। उन्होंने भक्ति को राजनीति और क्रिकेट से ऊपर बताया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इस निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से इस फैसले की समीक्षा करने की अपील की है। बादल ने कहा कि यह कदम सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा।
कांग्रेस नेता परगट सिंह ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार क्रिकेट और फिल्मों के लिए संबंध बनाती है लेकिन भक्तों को रोकती है। विपक्षी दलों का मानना है कि यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
धार्मिक नेताओं ने भी इस सलाह की निंदा की है। उनका कहना है कि तीर्थयात्रा सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब की यात्रा उनके धार्मिक अधिकारों का हिस्सा है।
सुरक्षा चिंताएं
सरकार ने इस निर्णय के पीछे सुरक्षा कारणों को प्रमुखता से रखा है। हाल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण स्थिति भी एक कारण बताई गई है।
गृह मंत्रालय ने छह राज्यों को भेजे पत्र में इन चिंताओं का उल्लेख किया है। इन राज्यों में पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। सरकार का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में यह कदम आवश्यक है।
इस निर्णय से उन हज़ारों भक्तों की योजनाएं प्रभावित हुई हैं जो प्रकाश पर्व पर ननकाना साहिब जाना चाहते थे। अब तक कोई स्पष्टता नहीं है कि यह प्रतिबंध कब तक जारी रहेगा। सिख संगठन इस निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
