Himachal News: हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। देवभूमि में एचआईवी संक्रमण की दर लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में प्रदेश भर में 6,490 लोग इस गंभीर बीमारी के साथ जीवन जी रहे हैं। चिंता की बात यह है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष इस वायरस की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक जिला कांगड़ा में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। विभाग अब संक्रमण को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है।
कांगड़ा में सबसे ज्यादा मरीज
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिला कांगड़ा में सबसे अधिक 1,722 मामले दर्ज किए गए हैं। उम्र के हिसाब से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि युवा वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है। 31 से 45 वर्ष की आयु के लोगों में संक्रमण सबसे ज्यादा फैला है। यह कुल मामलों का 48.7 फीसदी है। इसके अलावा 16 से 30 साल के युवाओं में भी संक्रमण की दर 22 फीसदी से ज्यादा है। यह आंकड़े बताते हैं कि कामकाजी और युवा आबादी पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
नशे के इंजेक्शन बन रहे बड़ी वजह
प्रदेश में संक्रमण फैलने का एक मुख्य कारण नशा भी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि युवा सुई से नशा कर रहे हैं। एक ही सुई का इस्तेमाल कई लोग करते हैं। इससे एचआईवी और हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। नशे की यह लत युवाओं को शारीरिक रूप से खोखला कर रही है। विभाग का मानना है कि वास्तविक संख्या इससे ज्यादा हो सकती है क्योंकि अभी भी कई लोग जांच के लिए आगे नहीं आते हैं।
जागरूकता अभियान चलाएगा विभाग
हिमाचल में इस बीमारी का पहला मामला 1990 के दशक में हमीरपुर जिले में सामने आया था। कांगड़ा के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने बताया कि रोकथाम के लिए अब बड़े स्तर पर काम होगा। स्वास्थ्य विभाग शिक्षण संस्थानों और अन्य जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा। लोगों को सुरक्षित रहने के उपाय बताए जाएंगे। नियमित जांच को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि छुपे हुए मामलों का पता समय रहते चल सके।
