Shimla News: भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास शिमला में हिंदी पखवाड़ा का समापन हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने की। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा ने हिंदी को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा ने अपने संबोधन में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं है बल्कि राष्ट्रीय एकता की मजबूत कड़ी है। उन्होंने साहित्य को सामाजिक जागरूकता से जोड़ने पर जोर दिया। उनके विचारों ने सभी श्रोताओं को प्रभावित किया।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु कुमार चतुर्वेदी ने हिंदी पखवाड़े के उद्देश्यों को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि संस्थान हिंदी के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से हिंदी को अपनाने का आग्रह किया।
प्रतियोगिताओं में दिखी प्रतिभा
हिंदी पखवाड़े के दौरान कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें हिंदी निबंध, वाद-विवाद और टंकण प्रतियोगिता शामिल थी। स्वरचित कविता पाठ, अनुवाद और प्रारूप लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों का ज्ञान परखा।
विजेताओं को मिला सम्मान
सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। अश्वनी राव, चंद्रकला और केसर सिंह ने अपनी प्रतिभा दिखाई। प्रोमिला, देवेंद्र सिंह और नवीन हरनोट को भी पुरस्कृत किया गया। सूरज प्रकाश, देवराज शर्मा और संजय कुमार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
गुरजीत कौर, रंजना और बंदना कुमारी ने साहित्यिक कौशल का प्रदर्शन किया। हेमराज शर्मा, कुलभूषण शर्मा और गोपाल सिंह को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। रजनी, दीपक शर्मा और सुरेंद्र रामोला ने अपनी रचनात्मकता दिखाई।
प्रीतम सिंह, अशोक भटोईया और ओम प्रसाद ने अनुवाद में दक्षता प्राप्त की। नीरज शर्मा, दया राम और शारदा देवी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया। अमन वर्मा सहित सभी विजेताओं को खुशी देखी गई।
कर्मचारियों का विशेष सम्मान
प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग करने वाले दस कर्मचारियों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इन कर्मचारियों ने मूल टिप्पण और प्रारूप लेखन में हिंदी का उपयोग किया। यह पहल संस्थान में हिंदी के बढ़ते प्रयोग को दर्शाती है। कर्मचारियों के इस कोशिश की सभी ने सराहना की।
संस्थान का यह प्रयास है कि हिंदी दैनिक कार्यों का हिस्सा बने। निदेशक ने कहा कि शोध कार्यों में भी हिंदी का उपयोग बढ़ेगा। इससे हिंदी का शैक्षणिक क्षेत्र में विस्तार होगा। भाषा के विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हिंदी भाषा का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है। ऐसे आयोजन भाषा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाते हैं। शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका भाषा के विकास में अहम होती है। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के सभी सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने हिंदी के प्रति नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। ऐसे आयोजन भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
