शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिंदी दिवस: 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है यह खास दिन?

Share

National News: भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश की राजभाषा के महत्व और उसकी ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित है। इसकी शुरुआत 14 सितंबर 1949 को हुई थी, जब संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। इस ऐतिहासिक फैसले की याद में 1953 से यह दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई।

हिंदी दिवस का उद्देश्य भाषा के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन हिंदीभाषी होने पर गर्व का अहसास कराता है। देशभर के स्कूलों, कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें भाषण, वाद-विवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।

यह भी पढ़ें:  बिहार: जैन मुनि पर बाइक सवार ने किया हमला, कपड़े न पहनने पर दी गोली मारने की धमकी

कई लोग हिंदी दिवस को लेकर भ्रमित रहते हैं। उन्हें लगता है कि हिंदी दिवस जनवरी में मनाया जाता है। वास्तव में, साल में दो बार हिंदी को सम्मान देने का अवसर आता है। 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं।

विश्व हिंदी दिवस की कहानी

विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से हुई। 10 जनवरी 1975 को नागपुर में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस ऐतिहासिक घटना की याद में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस घोषित किया।

यह भी पढ़ें:  आज की खबरें: यहां पढ़ें भारत, विश्व, राजनीति, अपराध और खेल की सभी बड़ी खबरें; राइट न्यूज इंडिया

हिंदी का बढ़ता वैश्विक प्रभाव

हिंदी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों ने इस प्रक्रिया को गति दी है। वे अक्सर विदेशी मंचों पर हिंदी में संबोधन देते हैं। इससे हिंदी के अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दुनिया के कई देशों में हिंदी पढ़ाई जाती है।

भारत की सांस्कृतिक विविधता में हिंदी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह देश को जोड़ने का काम करती है। हिंदी दिवस मनाने का असली मकसद सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करना है। हर भाषा का अपना महत्व और स्थान है। हिंदी दिवस हमें हमारी भाषाई विरासत की याद दिलाता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News