National News: हिमालय में एक योगी का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में योगी बर्फीले तूफान के बीच गहन ध्यान में बैठे दिखाई दे रहे हैं। आसपास का तापमान माइनस 55 डिग्री सेल्सियस बताया जा रहा है। योगी के शरीर पर नाममात्र के कपड़े हैं लेकिन उनके चेहरे पर पूर्ण शांति दिखाई दे रही है।
यह वीडियो रैडिट पर शेयर किया गया था जो अब सोशल मीडिया पर छा गया है। लोग इस दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हैं। कई लोग इसे भारतीय योग परंपरा की शक्ति का प्रमाण मान रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को इस वीडियो की प्रामाणिकता पर संदेह है।
कौन है हिमालय का तपस्वी
इस योगी को लोग हिमालय का तपस्वी कहते हैं। बताया जा रहा है कि वह कौलान्तक पीठ से जुड़े हुए हैं। कथित तौर पर वह दशकों से हिमालय में सिद्ध योग की साधना कर रहे हैं। उन्होंने योग साधना के माध्यम से अपने शरीर और मन को अनुशासित किया है।
प्रतिकूल प्राकृतिक परिस्थितियों में भी उनका ध्यान भंग नहीं होता। यह दृश्य योग की शक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। हिमालय के निर्जन क्षेत्रों में ऐसे कई योगी साधना में लीन रहते हैं। उनकी साधना भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा का हिस्सा है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक नजरिए से यह श्वास नियंत्रण और देह-ताप के नियमन की कला है। इसे तुमो या ग-तुम योग विधि से जोड़कर देखा जा रहा है। इसका उल्लेख तिब्बती योग परंपराओं में भी मिलता है। इस अभ्यास के माध्यम से साधक अपने शरीर में आंतरिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं।
यह विधि अत्यधिक सर्दी को बेअसर करने में सक्षम मानी जाती है। साधक फायर एलिमेंट को जगाकर शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं। यह योग की एक उन्नत अवस्था मानी जाती है। इसके लिए वर्षों के अभ्यास और अनुशासन की आवश्यकता होती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोग इसे हठ योग का अद्भुत उदाहरण मान रहे हैं। कुछ लोग भारत की प्राचीन योग परंपरा की जीवंत मिसाल बता रहे हैं। वहीं कई लोग मनुष्य की मानसिक शक्ति का प्रमाण दे रहे हैं।
कुछ लोगों को इस दृश्य को देखकर आश्चर्य हो रहा है। वहीं कुछ लोग इस वीडियो को एआई जनित मान रहे हैं। इस विषय पर विभिन्न मंचों पर गहन चर्चा हो रही है। लोग भारतीय अध्यात्म की गहराई को समझने का प्रयास कर रहे हैं।
हिमालय की आध्यात्मिक परंपरा
हिमालय सदियों से योगियों और साधु-संतों की तपोभूमि रहा है। यहां की निर्जन वादियां गहन साधना के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। इस क्षेत्र में सांसारिक सीमाएं टूट जाती हैं। आत्मिक अनुशासन नई ऊंचाइयों को छूता है।
यह वीडियो भारत की सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाता है। इससे पता चलता है कि भारत की जड़ों में अभी भी वह ताकत मौजूद है। यह ताकत मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बना सकती है। हिमालय की यह आध्यात्मिक परंपरा निरंतर जारी है।
