Himachal Pradesh News: हमीरपुर जिले के बमसन क्षेत्र के दुर्गम गांव जंदडू की रहने वाली आकांक्षा कुमारी एक प्रतिभाशाली ताईक्वांडो एथलीट हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने के बावजूद वह सरकारी सहयोग के अभाव में संघर्ष कर रही हैं। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश खेलों के मामले में पड़ोसी राज्यों से काफी पीछे है।
आकांक्षा ने हाल ही में दक्षिण कोरिया में आयोजित विश्व ताईक्वांडो विश्व कप टीम चैंपियनशिप 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। तमिलनाडु में आयोजित चैंपियन ऑफ चैंपियंस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन
उन्होंने महाराष्ट्र में हुई फाइनल चैंपियन ऑफ चैंपियंस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। तीसरे सीनियर नैशनल और आईटी नैशनल 2022 सीनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया। खेलो इंडिया महिला ताईक्वांडो लीग में भी उन्होंने भाग लिया। ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी ताईक्वांडो चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इतनी उपलब्धियों के बावजूद आकांक्षा का भविष्य आर्थिक चुनौतियों से घिरा हुआ है। उनका अगला लक्ष्य एशियाई खेल 2026 में भाग लेना है। लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 में देश के लिए पदक जीतना चाहती हैं। लेकिन उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए संसाधनों का अभाव है।
बेहतर प्रशिक्षण के लिए हरियाणा में लेनी पड़ रही है शरण
आकांक्षा ने बताया कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा। इस कारण वह बड़ी खेल योजनाओं में भाग नहीं ले पा रही। फिलहाल बेहतर प्रशिक्षण के लिए उन्हें हरियाणा में रहना पड़ रहा। अपने ही राज्य में उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही।
कुछ वर्ष पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ने उन्हें दो लाख रुपये की सहायता दी। शिमला की एक संस्था ने एक लाख रुपये की मदद की। इस सहायता से वह राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकी। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए यह सहायता पर्याप्त नहीं।
आकांक्षा का सपना ओलंपिक में भाग लेने का है। वह बेहतर प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता पर जोर देती हैं। उनका कहना है कि सरकारी सहयोग मिलने पर वह ओलंपिक में पदक जीत सकती। देश के लिए गौरव ला सकती।
हिमाचल प्रदेश में खेल सुविधाओं की कमी एक बड़ी चुनौती है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में यहां संसाधन सीमित हैं। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उचित मंच नहीं मिल पा रहा। इस स्थिति में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
