शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल के नरेश कुमार: सीआरपीएफ में डीआईजी पद पर पदोन्नति, जानें उनकी तीन दशक की शानदार सेवाओं के बारे

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Himachal News: हमीरपुर जिले के नरेश कुमार को सीआरपीएफ में उप महानिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया है। एक मई 1972 को तरकवाडी गांव में जन्मे नरेश कुमार के पिता किशन सिंह सेवानिवृत्त डीएसपी हैं। उनकी माता प्रकाशो देवी हैं। बचपन से ही उनमें अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी थी।

नरेश कुमार ने प्रारंभिक शिक्षा शिमला और गांव के आसपास के विद्यालयों से पूरी की। उन्होंने वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी से स्नातक किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1996 में उन्होंने सीआरपीएफ जॉइन किया।

प्रशिक्षण के दौरान मिली पहचान

माउंट आबू में प्रशिक्षण के दौरान नरेश कुमार को सर्वश्रेष्ठ आउटडोर प्रशिक्षु घोषित किया गया। करीब तीन दशकों की सेवा यात्रा में उन्होंने देश के सभी संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में कार्य किया। जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, असम और त्रिपुरा में उन्होंने चुनौतीपूर्ण दायित्व निभाए।

नक्सल प्रभावित इलाकों में उन्होंने सफल अभियानों का नेतृत्व किया। कोबरा जैसी विशिष्ट इकाई की कमान संभाली। पांच वर्ष तक उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड में भी सेवाएं दीं। उच्च जोखिम वाले अभियान और वीवीआईपी सुरक्षा में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा।

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प्रशिक्षण क्षेत्र में योगदान

प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी नरेश कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोयंबटूर स्थित सीआरपीएफ प्रशिक्षण महाविद्यालय में उप प्राचार्य के रूप में कार्य किया। भावी अधिकारियों को प्रशिक्षित करने में उनका योगदान सराहनीय रहा। उन्होंने कई प्रतिष्ठित कोर्स पूरे किए।

रॉक क्लाइम्बिंग, एंटी टेररिस्ट कोर्स और वीआईपी सिक्योरिटी कमांडो कोर्स उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र हैं। वेपन एंड टैक्टिक्स, जीपीएस और इंटेलिजेंस ओरिएंटेशन में भी उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कंप्यूटर और साइबर अपराध कोर्स भी उनकी योग्यता का हिस्सा हैं।

पुरस्कार और सम्मान

उत्कृष्ट नेतृत्व और राष्ट्रसेवा के लिए नरेश कुमार को कई पुरस्कार मिले। पुलिस पदक फॉर मेरिटोरियस सर्विस से उन्हें सम्मानित किया गया। अति उत्कृष्ट सेवा पदक और उत्कृष्ट सेवा पदक भी उन्हें प्राप्त हुए। अंतरिक सुरक्षा पदक और एसपीजी मेडल से भी सम्मानित किया गया।

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डीजी डिस्क और प्रशंसा प्रमाण पत्र भी उनकी सेवाओं का प्रमाण हैं। पुलिस स्पेशल ड्यूटी मेडल ने उनके समर्पण को रेखांकित किया। ये सभी सम्मान उनकी व्यावसायिक दक्षता के प्रतीक हैं। सेवा के प्रति उनका समर्पण अद्वितीय है।

पारिवारिक जीवन

ड्यूटी की कठोरताओं के बीच नरेश कुमार ने पारिवारिक जीवन का संतुलन बनाए रखा। उनकी पत्नी अंजलि हैं। पुत्री पर्निका टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में स्नातकोत्तर कर रही हैं। पुत्र सार्थक अमेरिका में अध्ययनरत हैं।

यह पदोन्नति नरेश कुमार की व्यक्तिगत उपलब्धि ही नहीं है। यह सीआरपीएफ की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। समर्पण, साहस और मातृभूमि के प्रति निष्ठा की यह मिसाल है। हिमाचल प्रदेश के लिए यह गर्व का क्षण है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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