Himachal News: हिमाचल प्रदेश की बेटी रेणुका ठाकुर ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रेणुका हिमाचल की पहली क्रिकेटर बन गई हैं जिन्होंने भारत को आईसीसी विश्व कप चैंपियन बनाने में योगदान दिया। उनके गांव पारसा रोहड़ू में जश्न का माहौल है।
रेणुका की मां सुनीता ठाकुर ने सेमीफाइनल जीतने के बाद मंदिर में मन्नत मांगी थी। भारत के विजेता बनने पर वह बेटी के साथ नाहर सिंह देवता, दुर्गा माता मंदिर और बोठा मासु देवता के मंदिर जाएंगी। गांव वालों ने नाटी डालकर खुशी मनाई।
फाइनल से पहले मां से की बात
फाइनल मैच से पहले रविवार सुबह रेणुका ने अपनी मां सुनीता ठाकुर को फोन किया। उन्होंने कहा कि मां आप खुश रहना आज फाइनल है। आपकी मेहनत से ही आज मैं यहां पहुंची हूं। मां ने उन्हें पूरी जान झोंकने की सलाह दी।
सुनीता ठाकुर ने कहा कि आज तेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। फाइनल में ऐसे खेलना कि पूरा विश्व याद रखे। उन्होंने बेटी को मैच जीतने के लिए पूरी ताकत लगाने को कहा। रेणुका ने मां का आशीर्वाद पाकर शानदार प्रदर्शन किया।
संघर्षों से भरा रहा सफर
रेणुका ठाकुर ने मात्र तीन साल की आयु में अपने पिता को खो दिया था। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपनी स्विंग गेंदबाजी से पहचान बनाई। गांव के मैदानों में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलते हुए उन्होंने प्रतिभा निखारी।
साल 2009 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की आवासीय अकादमी में प्रवेश लिया। यहां उनके कौशल को तराशा गया। घरेलू क्रिकेट में 2019-20 सीनियर महिला वनडे लीग में उन्होंने सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए।
अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
रेणुका ने सात अक्टूबर 2021 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। साल 2022 में आईसीसी ने उन्हें वर्ष की उभरती हुई महिला क्रिकेटर के पुरस्कार से सम्मानित किया। टी-20 अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में वह शीर्ष पांच गेंदबाजों में पहुंची।
बर्मिंघम में हुई राष्ट्रमंडल खेलों में रेणुका फिनिशर के रूप में उभरी। चौदह दिसंबर 2023 को उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में पदार्पण किया। बाईस दिसंबर 2024 को वेस्टइंडीज के खिलाफ उन्होंने अपने पहले वनडे में पांच विकेट लिए।
विश्व कप में शानदार प्रदर्शन
विश्व कप के दौरान रेणुका की गेंदबाजी बहुत किफायती रही। फाइनल मैच में उन्होंने सबसे कम 28 रन दिए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी फील्डिंग बहुत अच्छी रही। उन्होंने फील्डिंग से करीब 15 से 18 रन टीम के लिए बचाए।
मैच के बाद कोच ने उन्हें बेस्ट फील्डर कहा। रेणुका ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दो व बांग्लादेश के खिलाफ एक विकेट झटका। उनके संयमित प्रदर्शन ने टीम को जीत दिलाने में मदद की। युवा खिलाड़ियों के लिए वह प्रेरणा बन गई हैं।
