Himachal News: राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ फोटो सामने आई है। यह तस्वीर अंबाला एयरबेस पर ली गई है। शिवांगी सिंह हिमाचल प्रदेश की बहू हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पालमपुर के पास डरोह स्थित उनके ससुराल में खुशी की लहर है।
शिवांगी सिंह ने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया है। आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने अफवाह फैलाई थी कि भारत की राफेल पायलट को हिरासत में ले लिया गया है। अब शिवांगी की ताजा तस्वीरें इस झूठ को बेनकाब कर रही हैं। उनके ससुराल वाले इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
परिवार का सैन्य संबंध
शिवांगी सिंह की शादी डरोह पंचायत के कस्बा गांव के आकिल शर्मा के साथ हुई है। आकिल का परिवार सेना से लंबे समय से जुड़ा हुआ है। दिवंगत दादा ज्ञान चंद शर्मा डोगरा रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे। पिता सुनील कुमार शर्मा सेना के सिग्नल कोर से नायक के पद से रिटायर हुए हैं।
सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि वे बच्चों को पढ़ा सकते हैं और संस्कार दे सकते हैं। लेकिन यह उपलब्धि शिवांगी की अपनी मेहनत और लगन का नतीजा है। उन्होंने कहा कि बहू ने प्रदेश और देश दोनों का नाम रोशन किया है। पूरा परिवार इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।
पाकिस्तान के दावे का खंडन
सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि शिवांगी की तस्वीर ने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि शिवांगी का राफेल गिरा दिया गया है। अब शिवांगी की राष्ट्रपति के साथ तस्वीर इस दावे को गलत साबित कर रही है।
शिवांगी अंबाला एयरबेस पर तैनात हैं। उनके पति आकिल शर्मा भी फाइटर पायलट हैं। दोनों का परिवार देश की सेवा में समर्पित है। आकिल की दादी विशेश्वरी शर्मा ने बताया कि बहू ने परिवार का नाम रोशन किया है। पूरे गांव को उन पर गर्व है।
वायुसेना में करियर
शिवांगी सिंह को 2017 में वायुसेना में महिला फाइटर पायलट के दूसरे बैच में कमीशन मिला था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मिग-21 बाइसन जैसे विमानों से की। यह विमान पुराने लेकिन तेज रफ्तार वाले हैं। उनके साहस और कौशल को देखते हुए 2020 में उन्हें राफेल उड़ाने का मौका मिला।
शिवांगी सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित भारतीय वायुसेना अकादमी में दाखिला लिया। यहां उन्होंने कठिन प्रशिक्षण पूरा किया। आज वह देश की पहली महिला राफेल पायलट बनकर इतिहास रच चुकी हैं।
परिवार में खुशी
शिवांगी सिंह की सफलता से उनके ससुराल वाले बेहद खुश हैं। डरोह के गांव वाले भी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवांगी ने महिलाओं के लिए नई राहें खोली हैं। उनकी सफलता युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
परिवार के सदस्य बताते हैं कि शिवांगी बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं। उन्होंने हमेशा कुछ अलग करने का सपना देखा था। आज उनका यह सपना साकार हुआ है। वह देश की सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
