Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की एक बेटी ने सेना में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पालमपुर के मैंझा क्षेत्र की अंकिता धीमान भारतीय सेना में कैप्टन डॉक्टर बन गई हैं। उन्होंने आर्मी मेडिकल कोर में चयन प्राप्त किया है। अब उनकी नियुक्ति आर्मी हास्पिटल अंबाला में हुई है।
अंकिता धीमान अनीत पंकज और अराधना कुमारी की पुत्री हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा माउंट कार्मल स्कूल ठाकुरद्वारा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नाहन से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया।
शिक्षा और तैयारी का सफर
एमबीबीएस केबाद अंकिता ने एमडी की तैयारी शुरू की थी। उनका सपना सेना में डॉक्टर बनने का था। इसलिए उन्होंने आर्मी मेडिकल कोर के लिए आवेदन किया। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली अंकिता ने यह चयन परीक्षा पास कर ली।
उन्होंने कैप्टन डॉक्टर का पद हासिल किया। इस उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी की लहर है। पूरा गांव भी उन पर गर्व महसूस कर रहा है। अंकिता के दादा सुभाष धीमान ने उनकी मेहनत की सराहना की।
सुभाष धीमान ने कहा कि कठिन परिश्रम के बल पर ही अंकिता ने यह मुकाम हासिल किया। उनकी इस सफलता से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। हिमाचल की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। शिक्षा से लेकर सुरक्षा बलों तक में उनकी उपस्थिति दर्ज है।
भारतीय सेना का मेडिकल कोर
भारतीय सेनाका मेडिकल कोर देश की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार यह कोर सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करता है। इसमें चयन एक कठिन प्रक्रिया के माध्यम से होता है। चयनित डॉक्टरों को कैप्टन के पद पर नियुक्त किया जाता है।
आर्मी मेडिकल कोर के डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण सैन्य चिकित्सा के विशेष पहलुओं पर केंद्रित होता है। युद्धकालीन और शांतिकालीन चिकित्सा सेवाओं की तैयारी कराई जाती है। अंबाला स्थित आर्मी हास्पिटल एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है।
अंकिता धीमान की यह सफलता हिमाचल के युवाओं के लिए एक मिसाल है। यह दर्शाता है कि लक्ष्य के प्रति समर्पण से सफलता मिलती है। राज्य की महिलाएं पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। उनकी उपलब्धियां प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर देती है। राज्य के शिक्षण संस्थानों से निकले छात्र देश-विदेश में सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़े डॉक्टर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
अंकिता धीमान की कहानी देश के युवाओं को प्रेरित करेगी। सेवा और समर्पण की यह मिसाल समाज के लिए अनुकरणीय है। उनका सफर यह दर्शाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश ऐसी प्रतिभाओं पर गर्व करता है।
