Himachal News: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUHP) शैक्षणिक सत्र 2025-26 से चार नए कोर्स शुरू करने जा रहा है। इनमें रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस और जियोलॉजी में एमएससी, नैनो मैटीरियल में एमटेक और कंप्यूटर साइंस में बीटेक शामिल हैं। कुल 129 सीटें होंगी। खास बात यह है कि इन कोर्सों में दाखिले के लिए CUET स्कोर की जरूरत नहीं होगी। इच्छुक छात्र 23 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कोर्स और सीटों का विवरण
विश्वविद्यालय ने नए कोर्सों के लिए सीटों का बंटवारा तय किया है। रिमोट सेंसिंग एंड जीआईएस और जियोलॉजी में एमएससी के लिए 38-38 सीटें होंगी। नैनो मैटीरियल में एमटेक के लिए 20 और कंप्यूटर साइंस में बीटेक के लिए 33 सीटें निर्धारित की गई हैं। यह पहल छात्रों को आधुनिक तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने का मौका देगी। दाखिला प्रक्रिया को सरल रखा गया है।
आवेदन और चयन प्रक्रिया
इच्छुक छात्र 23 जुलाई, 2025 तक शाम 5 बजे तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। पहली मेरिट सूची 25 जुलाई को और दूसरी 29 जुलाई को जारी होगी। चयनित छात्रों का दस्तावेज सत्यापन 1 अगस्त से शुरू होगा। कक्षाएं भी उसी दिन से आरंभ होंगी। यह प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, जिससे छात्रों को समय पर दाखिला मिल सके।
रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की खासियत
रिमोट सेंसिंग और जीआईएस आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकें हैं। रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के जरिए पृथ्वी की सतह की जानकारी जुटाता है। वहीं, जीआईएस भौगोलिक डेटा को संग्रहित और विश्लेषण करता है। इन तकनीकों का उपयोग पर्यावरण, शहरी नियोजन और नीतिगत निर्णयों में होता है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये तकनीकें करियर के लिए उभरता क्षेत्र हैं।
आवेदन शुल्क और इंजीनियरिंग कोर्स
विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने का ऐलान किया है। सामान्य, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी क्रिमी लेयर के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपये है। नॉन-क्रिमी लेयर ओबीसी के लिए 400 रुपये और एससी, एसटी, दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 200 रुपये निर्धारित किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह कदम शिक्षा को समावेशी बनाने की दिशा में है।
भविष्य के लिए अवसर
नए कोर्स छात्रों को तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने का मौका देंगे। रिमोट सेंसिंग और जीआईएस जैसे कोर्स पर्यावरण और डेटा विश्लेषण में करियर बनाने वालों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बीटेक और एमटेक प्रोग्राम तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देंगे। विश्वविद्यालय का यह कदम हिमाचल के छात्रों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है।
