Himachal News: हिमाचल प्रदेश में शिक्षक नियमितीकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। शिक्षा निदेशालय ने कोर्ट के पुराने आदेशों के आधार पर शिक्षकों को दी गई वरिष्ठता, वेतन वृद्धि, पदोन्नति और टीजीटी स्केल जैसी सुविधाएं तुरंत वापस लेने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय भर्ती एवं सेवा शर्तें अधिनियम, 2024 के लागू होने के बाद लिया गया।
कोर्ट के पुराने फैसलों का प्रभाव रद्द
शिक्षा निदेशालय ने सभी डिप्टी डायरेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि 12 दिसंबर 2003 के बाद कोर्ट के फैसलों से नियमित हुए शिक्षकों को अब शुरू से नियमित नहीं माना जाएगा। केवल वे शिक्षक नियमित माने जाएंगे, जिन्हें नए अधिनियम के तहत नियुक्त किया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला कई शिक्षकों के लिए झटका है।
पुराने लाभ वापस लेने के निर्देश
निदेशालय ने स्पष्ट किया कि एलपीए अंजू देवी बनाम राज्य और अन्य मामलों में कोर्ट ने अनुबंध पर नियुक्त शिक्षकों को उनकी शुरुआती नियुक्ति तिथि से नियमितीकरण का लाभ दिया था। इससे कई शिक्षकों को वरिष्ठता और वेतन वृद्धि मिली थी। लेकिन अब शिक्षक नियमितीकरण के नए नियमों के तहत ये लाभ रद्द कर दिए गए हैं।
टीजीटी स्केल और अन्य लाभ प्रभावित
आदेश के मुताबिक, जिन एलटी और शास्त्री शिक्षकों को 2009 से नियमित मानकर टीजीटी स्केल दिया गया था, उनके लाभ भी वापस लिए जाएंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, भविष्य में किसी को इस आधार पर कोई लाभ नहीं मिलेगा। पहले से दिए गए लाभ भी तुरंत वापस लेने के निर्देश हैं।
सभी अपीलें खारिज
शिक्षा निदेशालय ने सभी संबंधित अपीलों को खारिज कर दिया है। इस आदेश से हिमाचल के सैकड़ों शिक्षकों पर असर पड़ेगा। शिक्षक नियमितीकरण से जुड़े इस फैसले ने कई शिक्षकों के करियर पर सवाल उठाए हैं।
