Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने जॉब ट्रेनी नीति का कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष अजय नेगी ने कर्मचारी सेवा शर्त अधिनियम 2024 के तहत 585 नवनियुक्त प्रवक्ताओं को जॉब ट्रेनी बनाने के फैसले की निंदा की। यह नीति 20 फरवरी 2025 से लागू हुई। संघ का कहना है कि यह कदम असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की योजना बनाई है।
नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर आपत्ति
संघ के प्रेस सचिव जय राम शर्मा ने बताया कि 585 प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया 17 अक्टूबर 2023 के विज्ञापन के आधार पर शुरू हुई थी। नियुक्ति पत्र पुरानी शर्तों के अनुसार जारी किए गए। नए अधिनियम को लागू करना अनुचित है। यह प्रशासनिक पारदर्शिता और शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार, विज्ञापन के बाद शर्तें बदलना गलत है। संघ ने इस नीति को तुरंत वापस लेने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
स्कूल प्रवक्ता संघ ने कहा कि जॉब ट्रेनी नीति सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करती है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि भर्ती विज्ञापन के बाद शर्तें नहीं बदली जा सकतीं। सरकार को मनमाने ढंग से नियुक्ति देने या रोकने का अधिकार नहीं है। यह नीति चयनित उम्मीदवारों के हक का हनन करती है। संघ ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील की है।
शिक्षकों की आगे की रणनीति
संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार जॉब ट्रेनी नीति वापस नहीं लेती, तो वे आंदोलन तेज करेंगे। सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात की जाएगी। शिक्षकों का कहना है कि यह नीति उनके भविष्य और सम्मान के खिलाफ है। हिमाचल शिक्षक विरोध को लेकर संघ एकजुट है। उन्होंने निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मांग की। यह मामला शिक्षक समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है।
