Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार का ‘द हिमाचल स्कूल अडॉप्शन प्रोग्राम’ रंग ला रहा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि अब तक प्रदेश के 4231 सरकारी स्कूलों को अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने गोद ले लिया है। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाओं में सुधार लाना है।
इस योजना के तहत विभिन्न स्तर के अधिकारी और जन प्रतिनिधि स्कूलों के संरक्षक बनते हैं। उनका काम अपने गोद लिए स्कूल की समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना है। इससे स्कूलों को बेहतर संसाधन और मार्गदर्शन मिलता है।
किन अधिकारियों ने लिया जिम्मा
प्रदेश के सभी मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। साथ ही श्रेणी एक और दो के राजपत्रित अधिकारी भी इसमें भाग ले रहे हैं। इनमें उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसे पद शामिल हैं।
इन अधिकारियों को कम से कम एक स्कूल को गोद लेना अनिवार्य है। वे स्कूल की शैक्षिक और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे। इस पहल से स्कूलों के प्रबंधन में सीधा सुधार आएगा।
स्कूलों का वर्गीकरण
गोद लिए गए स्कूलों में 1950 प्राथमिक स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा 59 माध्यमिक और 664 उच्चतर माध्यमिक स्कूल भी इसमें आते हैं। वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों की संख्या 1558 है।
प्रदेश में कुल पंद्रह हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें से करीब चार हजार पांच सौ स्कूलों पर यह योजना लागू की जाएगी। शेष स्कूलों को भी चरणबद्ध तरीके से इससे जोड़ा जाएगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी आगे
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। उपनिदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी और प्रधानाचार्य जैसे पदों के अधिकारी स्कूल गोद ले रहे हैं। इससे उनकी विशेषज्ञता का सीधा लाभ स्कूलों को मिलेगा।
राज्य शिक्षा परिषद और स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी भी इस मुहिम से जुड़े हैं। उनका अनुभव स्कूलों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
टीमों का गठन
प्रत्येक गोद लिए गए स्कूल के लिए दो प्रकार की टीमें बनाई गई हैं। पहली टीम शैक्षिक सहायता पर केंद्रित है। दूसरी टीम गैर-शैक्षिक सहायता प्रदान करेगी।
शैक्षिक टीम शिक्षण विधियों और पाठ्यक्रम में सुधार पर काम करेगी। गैर-शैक्षिक टीम भवन, फर्नीचर और अन्य बुनियादी ढांचे की देखरेख करेगी।
ऑनलाइन पोर्टल की तैयारी
समग्र शिक्षा अभियान के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है। यह पोर्टल ‘अपना विद्यालय’ कार्यक्रम से संबंधित होगा। इसके माध्यम से स्कूलों की प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी।
पोर्टल सभी गोद लिए गए स्कूलों की जानकारी एक जगह उपलब्ध कराएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्यक्रम की निगरानी आसान होगी।
निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं
इस कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के समकक्ष लाना है। गोद लिए गए स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी। उन्हें आधुनिक शिक्षण सामग्री और वातावरण मिलेगा।
शिक्षा मंत्री के अनुसार इसके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं। आने वाले समय में यह परिवर्तन और स्पष्ट होगा। बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार आएगा।
भविष्य की योजना
अभी तक 4231 स्कूल गोद लिए जा चुके हैं। शेष स्कूलों को भी जल्द ही इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। प्रदेश सरकार का लक्ष्य सभी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
यह कार्यक्रम सरकारी शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव ला रहा है। समुदाय और अधिकारियों की सीधी भागीदारी से स्कूलों का विकास तेजी से होगा। इससे अभिभावकों का सरकारी स्कूलों में विश्वास बढ़ेगा।
