Shimla News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक अधिकारी पर केस दर्ज किया है। सीबीआई ने ED के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और उनके भाई विकास दीप के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। यह पूरा मामला हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। जांच एजेंसी को पता चला है कि आरोपी अधिकारी की संपत्ति उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 231 प्रतिशत ज्यादा बढ़ गई थी।
आय से दोगुना खर्च, चौंकाने वाले आंकड़े
सीबीआई ने आरोपियों की संपत्ति की जांच के लिए एक विशेष अवधि चुनी थी। जांच एजेंसी ने 1 मार्च 2024 से 31 दिसंबर 2024 के बीच उनकी कमाई और खर्च का ब्यौरा खंगाला। सीबीआई के मुताबिक, इस दौरान दोनों भाइयों की अनुमानित आय 40.28 लाख रुपये थी। लेकिन उनका खर्च 98.29 लाख रुपये से ज्यादा पाया गया। महज नौ महीनों के भीतर उनकी संपत्ति करीब 9.20 लाख रुपये से बढ़कर 44.44 लाख रुपये हो गई।
रिश्वत और गिरफ्तारी का ड्रामा
विशाल दीप पर गंभीर आरोप हैं कि वह छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान ही भ्रष्टाचार कर रहे थे। उन पर आरोपियों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 25 दिसंबर 2024 को जाल बिछाया। कार्रवाई के दौरान विशाल दीप मौके से भाग निकले, जबकि उनके भाई को पकड़ लिया गया। बाद में मुख्य आरोपी विशाल दीप को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
600 करोड़ का घोटाला और पिछली गिरफ्तारियां
यह मामला 600 करोड़ रुपये के एससी/एसटी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है। सीबीआई ने इससे पहले अपने ही एक डीएसपी को भी इस मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था। कई शिक्षण संस्थानों ने ED और सीबीआई के कुछ अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था। दूसरी ओर, ED ने अब तक इस केस में 30.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
