Himachal News: हिमाचल सरकार ने राजस्व सुधारों में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। माय डीड पेपरलेस रजिस्ट्री सिस्टम शुरू किया गया है। लोग अब कहीं से भी ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। जमाबंदी का हिंदी फॉर्मेट सरल बनाया गया है। उर्दू और फारसी शब्द हटाए गए हैं। अक्टूबर 2023 से जून 2025 तक 3,33,892 इंतकाल और 9,435 रिकॉर्ड सुधार किए गए। यह पहल नागरिकों को राहत दे रही है।
माय डीड और ऑनलाइन इंतकाल
माय डीड सिस्टम से रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान हुई है। लोग ऑनलाइन आवेदन कर एक बार तहसील जाएंगे। ऑनलाइन इंतकाल मॉड्यूल जल्द शुरू होगा। यह जमाबंदी से जुड़ेगा, जिससे प्रक्रिया तेज होगी। डिजिटल हस्ताक्षरित जमाबंदी मॉड्यूल भी बन रहा है। इससे फरद के लिए पटवारखाने जाने की जरूरत खत्म होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पारदर्शी और सुलभ सेवाओं पर जोर दिया। राजस्व विभाग डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर रहा है।
राजस्व लोक अदालतों की उपलब्धि
राजस्व लोक अदालतों ने तहसील और उप-तहसील स्तर पर 4 लाख मामले निपटाए। अक्टूबर 2023 से जून 2025 तक 3,33,892 इंतकाल, 20,369 तकसीम और 36,164 निशानदेही पूरी हुई। 9,435 रिकॉर्ड सुधार किए गए। यह पहल नागरिकों के लिए सुविधाजनक रही। भू-नक्शा पोर्टल पर 90% गांवों के नक्शे अपलोड हो चुके हैं। 1.19 करोड़ खसरा नंबरों को भू-आधार मिला। यह सुधार पारदर्शिता और दक्षता बढ़ा रहे हैं।
डिजिटल राजस्व कोर्ट और ई-समन
मुख्यमंत्री ने राजस्व कोर्ट और इंतकाल प्रक्रिया के पूर्ण डिजिटाइजेशन के निर्देश दिए। हिमाचल राजस्व सुधार के तहत भू-राजस्व अधिनियम 1954 में संशोधन हुआ। अब ई-समन ई-मेल और व्हाट्सएप से जारी होंगे। इससे प्रक्रिया तेज होगी। 71% खातों को आधार से जोड़ा गया। 30% भूमि मालिकों की आधार सीडिंग पूरी हुई। ऑनलाइन राजस्व कोर्ट प्रणाली 15 दिनों में शुरू होगी। यह नागरिकों को घर बैठे सेवाएं देगी।
भू-आधार और तकनीकी प्रगति
हिमाचल राजस्व सुधार में भू-आधार पहल अहम है। 1.44 करोड़ खसरा नंबरों में से 1.19 करोड़ को यूनिक आईडी मिली। 90% गांवों के नक्शे भू-नक्शा पोर्टल पर हैं। ई-रोजनामचा से पटवारियों की निगरानी आसान हुई। डिजिटल जमाबंदी और ऑनलाइन म्यूटेशन से बार-बार दफ्तर जाने की जरूरत कम होगी। खांगी तकसीम को मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। यह सिंगल खाता, सिंगल मालिक की दिशा में कदम है।
