Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल राहत योजना के तहत किसानों और आपदा प्रभावितों के लिए बड़े फैसले लिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट ने गौशालाओं के लिए सहायता राशि 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये की। किरायेदारों को सामान नुकसान पर 50,000 रुपये और मकान मालिकों को 70,000 रुपये मिलेंगे। दूध देने वाले पशुओं के नुकसान पर 55,000 रुपये प्रति पशु की मदद दी जाएगी।
पशुपालकों को सहायता
हिमाचल राहत योजना के तहत पशुपालकों को नुकसान की भरपाई के लिए नई राशि तय की गई। बड़े दूध देने वाले पशुओं के लिए 55,000 रुपये प्रति पशु और बकरी, भेड़, सूअर, मेमने के लिए 9,000 रुपये प्रति पशु की सहायता मिलेगी। यह कदम पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों के लिए भी सहायता को बढ़ाने पर जोर दिया।
वन संरक्षण को बढ़ावा
कैबिनेट ने ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ को मंजूरी दी। इस योजना में सामुदायिक भागीदारी से वनों का संरक्षण होगा। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूह इसमें शामिल होंगे। प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण के लिए 1.20 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। पौधों के जीवित रहने पर अतिरिक्त 1.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन दिया जाएगा। योजना पर पांच साल में 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
आपदा प्रभावितों के लिए राहत
हिमाचल राहत योजना के तहत आपदा प्रभावित परिवारों को विशेष सहायता दी जाएगी। किरायेदारों को सामान के नुकसान पर 50,000 रुपये और मकान मालिकों को 70,000 रुपये की मदद मिलेगी। यह फैसला आपदा से प्रभावित लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। कैबिनेट ने इन कदमों को तुरंत लागू करने के निर्देश दिए। सरकार का लक्ष्य प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचाना है।
