शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: थाईलैंड जॉब ऑफर में फंसाए युवक, बंदूकों की नोक पर करवाया जा रहा काम; माफिया ने बना रखा है बंधक

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Himachal News: चंबा जिले के दो युवकों को नौकरी का झूठा लालच देकर थाईलैंड ले जाया गया। वहां उन्हें माफिया गिरोह ने बंधक बना लिया। उनसे जबरन काम करवाया गया और फिरौती मांगी गई। दोनों युवक म्यांमार-थाईलैंड सीमा तक भागने में सफल रहे। उन्होंने थाई सेना के सामने आत्मसमर्पण कर अपनी जान बचाई।

भारतीय दूतावास ने उन्हें सुरक्षित वापस लाने में मदद की। पुलिस ने युवकों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ कठोर धाराओं में कार्रवाई शुरू हो गई है। यह मामला विदेश में नौकरी के नाम पर होने वाली ठगी का है।

पहला शिकायतकर्ता करन सिंह है। वह भालोगी निवासी है। करन ने बताया कि उसने चंबा में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान उसकी दोस्ती देवेंद्र नाम के व्यक्ति से हुई। देवेंद्र को लोग डिशु के नाम से भी जानते हैं।

देवेंद्र ने करन को विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया। उसने करन से इसके लिए अस्सी हजार रुपये नकद ले लिए। एक अन्य व्यक्ति यश ने करन को थाईलैंड भेजने का प्रबंध किया। करन थाईलैंड के लिए रवाना हो गया।

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एयरपोर्ट पर ही हथियारबंद लोगों ने उठा लिया

थाईलैंड एयरपोर्ट पर करन की जिंदगी बदल गई। हथियारबंद लोगों ने उसे एयरपोर्ट से ही उठा लिया। उसे एक कंपनी में ले जाया गया। वहां बंदूक की नोक पर उसे काम करने के लिए मजबूर किया गया।

उस माफिया गिरोह ने करन के परिवार से संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने करन को खरीदा है। गिरोह ने परिवार से पांच लाख रुपये की फिरौती की मांग की। करन ने मौका देखकर अन्य भारतीयों के साथ भागने की योजना बनाई।

वे सभी भारतीय म्यांमार-थाईलैंड सीमा की तरफ भागे। उन्होंने थाईलैंड की सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सेना ने उन्हें सुरक्षित हिरासत में ले लिया। इसके बाद भारतीय दूतावास की प्रक्रिया शुरू हुई।

दूसरे युवक के साथ भी हुई वैसी ही ठगी

दूसरा शिकायतकर्ता अमन है। वह कर्मोग का निवासी है। अमन की कहानी भी करन जैसी ही है। अमन ने भी होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था। उसकी भी जान-पहचान देवेंद्र और उसके साथियों से हुई।

आरोपियों ने अमन से सतहत्तर हजार रुपये नकद लिए। उसे भी थाईलैंड में नौकरी का लालच दिया गया। अमन के थाईलैंड पहुंचते ही हथियारबंद गिरोह ने उसे उठा लिया। उसे भी बंधक बनाकर रखा गया।

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अमन भी करन के साथ ही भागने में सफल रहा। दोनों युवक थाई सेना के संरक्षण में आए। भारतीय दूतावास ने त्वरित कार्रवाई की। दूतावास ने उन्हें सभी कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरने में मदद दी।

पुलिस ने इन दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। जिला पुलिस प्रमुख विजय कुमार सकलानी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है। शीघ्र ही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

यह घटना विदेश में नौकरी के झांसे की गंभीरता दर्शाती है। युवाओं को ऐसे ऑफर से सावधान रहने की जरूरत है। पुलिस ने लोगों से ऐसे संदिग्ध प्रस्तावों की शिकायत करने को कहा है। ताकि अन्य लोग ठगी का शिकार न बनें।

पुलिस का कहना है कि आरोपी युवाओं को निशाना बना रहे थे। वे उनकी विदेश में नौकरी पाने की इच्छा का फायदा उठा रहे थे। यह गिरोह एक बड़े नेटवर्क के तहत काम कर रहा था। जांच से और नाम सामने आ सकते हैं।

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