Shimla News: हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य की साक्षरता दर 99.02% तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 8 सितंबर को राज्य को औपचारिक रूप से पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करेंगे। यह घोषणा पीटरहॉफ स्थित राज्य अतिथि गृह में आयोजित उल्लास मेला कार्यक्रम में की जाएगी।
इस उपलब्धि के साथ हिमाचल प्रदेश मिजोरम, त्रिपुरा और लक्षद्वीप जैसे राज्यों को पीछे छोड़ देगा। राज्य देश में साक्षरता दर के मामले में शीर्ष स्थान पर पहुंच जाएगा। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार का ऑनलाइन संदेश भी प्रसारित किया जाएगा।
राष्ट्रीय औसत से कहीं आगे है हिमाचल
राष्ट्रीय साक्षरता दर 80.9% है जबकि हिमाचल ने 99% का आंकड़ा पार कर लिया है। किसी राज्य को पूर्ण साक्षर घोषित करने के लिए 95% या अधिक साक्षरता दर आवश्यक है। साथ ही यह सुनिश्चित करना होता है कि सभी वर्गों तक शिक्षा की पहुंच है।
लगातार चले साक्षरता अभियान
राज्य शिक्षा विभाग के अनुसार, हिमाचल की कुल जनसंख्या 75.05 लाख है। इसमें से केवल 56,960 व्यक्ति निरक्षर शेष हैं। 2011 की जनगणना में राज्य की साक्षरता दर 82.80% थी। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाखों लोगों को साक्षर बनाया गया।
उल्लास योजना में 2023-25 के दौरान 43,885 व्यक्ति साक्षर हुए। पढ़ना लिखना अभियान ने 2022 में एक लाख लोगों को साक्षर बनाया। साक्षर भारत योजना के तहत 2017 में 67,500 व्यक्तियों ने साक्षरता हासिल की। इन निरंतर प्रयासों ने राज्य को यह मुकाम दिलाया।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान शेष 56,960 निरक्षरों को साक्षर बनाने की नई योजना का भी एलान कर सकते हैं। यह कदम राज्य में शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
