Shimla News: Himachal Pradesh में पंचायत चुनावों को लेकर बड़ा पेंच फंस गया है। सुक्खू सरकार ने पंचायतों के पुनर्गठन और नई सीमाएं तय करने को मंजूरी दे दी है। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग पुराने हिसाब से चुनाव कराने की तैयारी कर चुका है। इस फैसले से सरकार और आयोग के बीच टकराव के आसार बन गए हैं। कैबिनेट के इस निर्णय से चुनाव की तारीखों पर भी असर पड़ सकता है।
आरक्षण और सीमाओं की शिकायतें
सरकार को लोगों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई पंचायतें लंबे समय से महिलाओं के लिए आरक्षित चल रही हैं। कुछ वार्डों की सीमाएं बदलने से मुख्यालय काफी दूर हो गए हैं। इन्हीं शिकायतों के बाद कैबिनेट ने सोमवार को पुनर्गठन का फैसला लिया। इससे राज्य में नई पंचायतें बनने का रास्ता साफ हो गया है। हमीरपुर और ऊना के लोगों ने भी बदलाव की मांग की थी।
आयोग ने लगा रखी है रोक
राज्य निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता के तहत सीमाओं में बदलाव पर रोक लगा रखी है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक यह प्रतिबंध लागू है। आयोग ने मतपत्र भी छाप लिए हैं। अधिकारियों को चुनाव सामग्री उठाने के आदेश दिए जा चुके हैं। अब Himachal Pradesh सरकार के नए फैसले से सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। मतदाता सूचियां भी दोबारा बनानी पड़ सकती हैं।
जनवरी में खत्म हो रहा कार्यकाल
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इसे कोर्ट का मामला बताया है। वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा एक्ट के हिसाब से चुनाव होंगे। पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 31 जनवरी 2026 को खत्म हो रहा है। अगर पुनर्गठन होता है, तो चुनाव में देरी हो सकती है। अब देखना होगा कि आयोग सरकार के इस फैसले पर क्या रुख अपनाता है।
