Shimla News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए बड़ा संकेत दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग को 18 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार होगा। सरकार इस मामले का कानूनी तौर पर अध्ययन करवाएगी। सीएम ने सदन को भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता दिखाएगी।
विधायकों ने दिया केंद्र का हवाला
शून्य काल के दौरान कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह बाली और केवल सिंह पठानिया ने यह मांग उठाई। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण को 18 फीसदी करने की वकालत की। विधायकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2006 में ही इस आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। हिमाचल प्रदेश में अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां कम से कम 18 फीसदी कोटा तो सुनिश्चित होना ही चाहिए।
आंगनबाड़ी सेविकाओं का रुका वेतन
सदन में विधायक जीत राम कटवाल ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की समस्या रखी। उन्होंने चाइल्ड वेलफेयर काउंसिल के तहत काम कर रही महिलाओं को वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया। विधायक ने कहा कि सरकार ने अपने संसाधनों से 5 करोड़ रुपये देने की बात कही थी। केंद्र से पैसा आने तक राज्य सरकार को भुगतान करना चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री ने जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
हादसे के पीड़ितों को नहीं मिला मुआवजा
विधायक केवल सिंह पठानिया ने एनएच पर हुई तीन मौतों का दर्दनाक मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दावे के बाद भी पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है। पहले डीसी को मौके पर जाने के निर्देश दिए गए थे। इस पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह दो दिन के भीतर सदन में पूरी रिपोर्ट पेश करेंगे।
