शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने में क्यों हो रही देरी? जानें क्या हैं बड़े कारण

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने का इंतजार लंबा खिंच रहा है। पार्टी आलाकमान ने इस मुद्दे पर मंथन तेज कर दिया है। दिल्ली में शुक्रवार को हिमाचल कांग्रेस के छह प्रमुख दावेदारों के साथ शीर्ष नेतृत्व की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश संगठन को मजबूत करने और आने वाले चुनावों की रणनीति पर चर्चा हुई।

कौन हैं प्रमुख दावेदार?

संभावित दावेदारों में कुलदीप सिंह राठौर, रोहित ठाकुर और आशीष बुटेल शामिल हैं। विनोद सुल्तानपुरी, विनय कुमार और सुरेश कुमार भी इस रेस में हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इन छह दावेदारों के साथ मीटिंग की। हाईकमान संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रहा है।

क्यों हो रही है देरी?

हिमाचल कांग्रेस फिलहाल दो प्रमुख खेमों में बंटी हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू गुट और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष का समूह अलग दिशा की पैरवी कर रहा है। दोनों गुट अपने समर्थक नेताओं को अध्यक्ष पद पर देखना चाहते हैं। यही अंदरूनी खींचतान फैसले में बाधा बन रही है।

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चुनावी चुनौतियां

राज्य में जल्द ही नगर निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं। आलाकमान चाहता है कि नया अध्यक्ष चुनावी माहौल में संगठन को एकजुट रख सके। जमीनी कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव रखने वाले नेता को प्राथमिकता दी जा रही है।

क्षेत्रीय संतुलन की चुनौती

हाईकमान प्रदेश के भौगोलिक और जातीय संतुलन को ध्यान में रख रहा है। कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जैसे बड़े जिलों से अलग-अलग दावे सामने आए हैं। पार्टी चाहती है कि नया अध्यक्ष किसी एक क्षेत्र विशेष तक सीमित न रहे। सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना जरूरी है।

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आगे की राह

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा है कि दस दिनों के भीतर कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार नई ताजपोशी की घोषणा इसी माह के भीतर संभव है। हाईकमान अगले कुछ दिनों में ही अध्यक्ष पद का ऐलान कर सकता है। इससे संगठन में नई ऊर्जा का संचार होगा।

कांग्रेस हाईकमान की सतर्कता और सावधानी इस देरी का प्रमुख कारण है। दिल्ली में हुई बैठक के बाद संकेत मिल रहे हैं कि निर्णय शीघ्र आएगा। पार्टी संगठन और सरकार में बेहतर तालमेल स्थापित करना चाहती है। आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन के लिए यह फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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