शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: शादी के निमंत्रण और AI डीपफेक बने साइबर ठगों के नए हथियार, पुलिस ने जारी की चेतावनी

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों ने शादी के सीजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नया हथियार बना लिया है। प्रदेश पुलिस की स्टेट सीआईडी साइबर क्राइम यूनिट ने नागरिकों को व्हाट्सएप पर मिल रहे नकली शादी निमंत्रण और डीपफेक ऑडियो-वीडियो धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहने की कड़ी चेतावनी जारी की है। ये ठगी के नए तरीके तेजी से फैल रहे हैं और आम लोगों को भारी आर्थिक नुकसान का खतरा पैदा कर रहे हैं।

नकली शादी निमंत्रण में छुपा है खतरा

इन दिनोंबड़ी संख्या में लोगों को व्हाट्सएप पर अनजान नंबरों से शादी के डिजिटल निमंत्रण प्राप्त हो रहे हैं। ये संदेश देखने में पूरी तरह वास्तविक लगते हैं लेकिन इनमें मैलिशियस एपीके फाइल या फिशिंग लिंक छुपे होते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इन लिंक पर क्लिक करता है या फाइल इंस्टॉल करता है, उसके फोन में खतरनाक मैलवेयर सक्रिय हो जाता है। यह मैलवेयर उपयोगकर्ता की बैंक खाता विवरण, ओटीपी, पासवर्ड और संपर्क सूची जैसी संवेदनशील जानकारियां चोरी कर लेता है।

एआई डीपफेक तकनीक से हो रही है ठगी

साइबर क्राइम पुलिस काकहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए डीपफेक वीडियो और ऑडियो के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अपराधी किसी व्यक्ति की आवाज या वीडियो के कुछ सेकंड इकट्ठा करके एआई की सहायता से बिल्कुल असली जैसी नकली आवाज या वीडियो तैयार कर लेते हैं। इसके बाद वे पीड़ित के किसी दोस्त, रिश्तेदार या अधिकारी का रूप धारण कर पैसे भेजने, ओटीपी बताने या लिंक खोलने का दबाव बनाते हैं। ठग अक्सर आपात स्थिति या दुर्घटना का हवाला देकर भावनात्मक रूप से मजबूर करते हैं।

साइबर अपराधों में दर्ज हो रही है तेज बढ़ोतरी

हिमाचल प्रदेश मेंसाइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में 8,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुईं जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 12,000 के पार पहुंच गया। साल 2025 के शुरुआती चार महीनों में ही 5,600 से अधिक केस दर्ज किए जा चुके हैं। वित्तीय नुकसान की बात करें तो 2023 में 41 करोड़ रुपये, 2024 में 114 करोड़ रुपये और 2025 की पहली तिमाही में ही 33 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी दर्ज की गई है।

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पुलिस ने बताएं बचाव के उपाय

हिमाचल पुलिस नेलोगों को इन धोखाधड़ियों से बचने के लिए कुछ प्रमुख सुझाव दिए हैं। अनजान नंबरों से आए निमंत्रण या लिंक को न खोलें और किसी भी वॉयस या वीडियो संदेश पर तुरंत भरोसा न करें। ओटीपी, पिन या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें और मोबाइल में अनजान एप या एपीके फाइल इंस्टॉल न करें। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि असली शादी के कार्ड कभी भी एपीके फाइल में नहीं आते, बल्कि केवल इमेज या पीडीएफ फॉर्मेट में ही दिए जाते हैं। भावनात्मक दबाव में कोई वित्तीय निर्णय न लें।

साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें संपर्क

किसीभी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाएं। इस टोल-फ्री हेल्पलाइन पर हर साल कॉल्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। साल 2024 में इस नंबर पर 1,10,000 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुईं। साइबर ठगी की शिकायतों में 80 प्रतिशत मामले सेवारत अधिकारियों और पेंशनरों के साथ हो रहे हैं। पुलिस द्वारा साइबर स्टेशन स्थापित करने के बाद ठगी की राशि को जल्द होल्ड करने और रिकवरी में काफी मदद मिल रही है।

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युवा और किशोर भी हो रहे हैं शिकार

साइबर ठग अब केवल बुजुर्गोंया अधिकारियों तक सीमित नहीं रहे हैं। पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार 13 से 16 वर्ष की आयु के किशोर भी अब ठगी का शिकार हो रहे हैं। कुल मामलों और शिकायतों में महिलाओं और किशोरों की प्रतिशतता 19 है। शिक्षित और ज्यादा पढ़े-लिखे लोग भी साइबर ठगी का ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इनमें पूर्व पुलिस महानिदेशक से लेकर डॉक्टर, प्रोफेसर और वकील भी शामिल हैं।

प्रदेश पुलिस ने की है तैयारी

साइबर अपराधोंसे निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस ने व्यापक तैयारी की है। प्रदेश के सभी 158 थानों में साइबर डेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रदेश के हर थाने में एक साइबर एक्सपर्ट तैनात होगा, जिसे 10 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। साइबर डेस्क के माध्यम से साइबर अपराधों पर तेजी से कार्रवाई कर दोषियों को पकड़ा जाएगा। इसके अलावा बैंक कोऑर्डिनेशन सेंटर, डाटा एनालिटिकल सेंटर और साइबर फॉरेंसिक लैब भी स्थापित की जा रही हैं।

सुरक्षा के लिए अपनाएं ये उपाय

साइबर सुरक्षाविशेषज्ञ लोगों को सलाह देते हैं कि वे अपने मोबाइल फोन, लैपटॉप और टेबलेट के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करते रहें। वेबसाइट खोलने से पहले उसके पते की जांच अवश्य करें और हैकरों से सुरक्षा के लिए फायरवॉल और अन्य सुरक्षा टूल्स का इस्तेमाल करें। किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। सतर्कता और जागरूकता ही साइबर ठगी से बचाव का सबसे कारगर उपाय है।

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