Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब सरकारी स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल ट्रेनर्स को हर साल 52 दिन की छुट्टी मिलेगी। यह व्यवस्था जनवरी 2026 से शुरू होगी। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इससे हजारों ट्रेनर्स को राहत मिलेगी।
यह नई छुट्टी संरचना राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा के तहत चल रहे कार्यक्रमों के लिए बनाई गई है। पहले ट्रेनर्स को अलग-अलग तरह की छुट्टियां मिलती थीं। अब सबको एक समान नियम लागू होगा। यह स्कूल के शैक्षणिक कैलेंडर के साथ जोड़ा गया है।
सरकार ने पहले दी जाने वाली 20 दिन की अर्जित छुट्टी और 10 दिन के त्योहार अवकाश को मिलाकर कुल 52 दिन कर दिया है। इससे ट्रेनर्स को पहले से ज्यादा सुविधा होगी। यह व्यवस्था सभी वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदाताओं पर लागू होगी।
छुट्टी के दौरान भी करना होगा काम
छुट्टी का मतलब पूरी छुट्टी नहीं है। गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में भी ट्रेनर्स को बुलाया जा सकता है। उन्हें ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग करानी होगी। विद्यार्थियों का मूल्यांकन करना होगा। कार्यशालाएं और बैठकें भी आयोजित होंगी।
इन सब कामों के लिए कोई अतिरिक्त छुट्टी या पैसा नहीं मिलेगा। यह नियम सख्ती से लागू होगा। ट्रेनर्स को राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा से जुड़े सभी कार्य करने होंगे। विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है।
अन्य छुट्टियां पहले जैसे ही रहेंगी
52 दिन की वार्षिक छुट्टी के अलावा बाकी अवकाश पुराने नियमों से चलेंगे। हर साल 12 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। ये पूरे किए गए महीने के हिसाब से दिए जाएंगे। इसके साथ 6 दिन का चिकित्सा अवकाश भी रहेगा।
महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश के सभी नियम पहले जैसे ही लागू होंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। ट्रेनर्स को ये सुविधाएं अलग से मिलती रहेंगी। सरकार ने इन पर कोई कटौती नहीं की है।
राज्य परियोजना निदेशक ने सभी वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदाताओं को निर्देश दे दिए हैं। उन्हें स्कूल प्रधानों तक यह नई व्यवस्था पहुंचानी होगी। जहां-जहां वोकेशनल ट्रेनर्स तैनात हैं, वहां यह नियम लागू करना जरूरी है।
हिमाचल प्रदेश में वोकेशनल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। यह नया नियम भी उसी दिशा में है। इससे ट्रेनर्स का मनोबल बढ़ेगा। वे बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगे।
स्कूलों में कौशल आधारित शिक्षा अब तेजी से बढ़ रही है। कई नए ट्रेड शुरू हुए हैं। इसके लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की जरूरत है। सरकार इनकी सेवा शर्तों को बेहतर बना रही है। यही वजह है कि छुट्टी का नया ढांचा बनाया गया।
जनवरी 2026 से यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में एक साथ लागू होगी। कोई भी जिला इससे बाहर नहीं रहेगा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। ट्रेनर्स लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
अब ट्रेनर्स को सरकारी कर्मचारियों की तरह छुट्टी मिलेगी। पहले उनकी स्थिति अलग थी। कई बार उन्हें कम छुट्टी मिलती थी। अब सब कुछ एक समान हो गया है। इससे उनके काम करने का तरीका भी बदलेगा।
विभाग ने सभी संबंधित लोगों को जल्द से जल्द तैयार रहने को कहा है। नए कैलेंडर वर्ष से कोई ढिलाई नहीं चलेगी। सभी स्कूलों को इसके लिए तैयार करना होगा। यह बदलाव लंबे समय तक प्रभावी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहे हैं। वोकेशनल शिक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह नया कदम उसी का हिस्सा है। ट्रेनर्स अब ज्यादा उत्साह से काम करेंगे।
