शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय: वेतन और पेंशन जारी न होने पर कर्मचारियों-शिक्षकों का कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन

Share

Himachal News: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में अक्तूबर माह का वेतन और पेंशन जारी न होने पर गुरुवार को विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों ने कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपना रोष व्यक्त किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शुक्रवार तक भुगतान नहीं किया गया तो 10 नवंबर से आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस स्थिति से विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है।

वेतन संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें 50 से अधिक सेवानिवृत्त कर्मची भी शामिल हुए। समिति के महासचिव नरेश कुमार शर्मा और अध्यक्ष सुरेश वर्मा ने कहा कि हर महीने वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जिससे कर्मचारियों में भारी निराशा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस संकट का स्थायी समाधान निकालने और विश्वविद्यालय को दी जाने वाली अनुदान राशि समय पर जारी करने की मांग की।

शिक्षकों ने कक्षाओं के बहिष्कार की घोषणा की

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने भी अलग से प्रदर्शन किया। हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास और महासचिव अंकुश ने कहा कि वेतन में देरी से शिक्षकों को गंभीर वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: बिलासपुर के टोल प्लाजा नहीं मान रहे सरकार के बंदी आदेश, लोगों ने किया हंगामा

हपुटवा ने घोषणा की है कि शुक्रवार सुबह 10:30 बजे से शिक्षक कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। इसके अलावा, अपनी मांगों को लेकर शिक्षक 10 नवंबर को ‘मार्च टू राजभवन’ भी करेंगे। यह कदम विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों की पढ़ाई बाधित होने की आशंका है।

पेंशनरों ने व्यक्त की अपनी पीड़ा

पेंशनर्स संघ के अध्यक्ष बिशन सिंह चंदेल ने भी इस दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समय पर पेंशन न मिलने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनरों ने कहा कि वे भी 10 नवंबर से शुरू होने वाले आंदोलन में पूरी तरह से शामिल होंगे। उन्होंने राज्य सरकार से अपनी पेंशन व्यवस्था सुधारने की मांग की।

नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि शुक्रवार तक वेतन जारी नहीं हुआ तो 10 नवंबर से कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनर मिलकर आंदोलन को उग्र रूप देंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक इस स्थिति पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सभी की निगाहें अब शुक्रवार को होने वाले भुगतान पर टिकी हैं।

विश्वविद्यालय के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को लंबे समय से वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार से अनुदान राशि समय पर नहीं मिल पाती है। इसके चलते हर महीने वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी होती है। कर्मचारियों का कहना है कि यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

यह भी पढ़ें:  शिमला रोपवे प्रोजेक्ट: सरकार ने किया टेंडर रिजेक्ट, अब नए सिरे से होगी बोली प्रक्रिया

पिछले कुछ महीनों में भी वेतन भुगतान में हुई देरी के कारण कर्मचारियों और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में राज्य सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों से अधिक धैर्य बरतने की अपील की है। लेकिन कर्मचारी अब और इंतजार करने को तैयार नहीं हैं।

आगामी आंदोलन की रूपरेखा

यदि शुक्रवार तक वेतन और पेंशन जारी नहीं की गई तो 10 नवंबर से आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनर संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे। शिक्षकों द्वारा कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखा जाएगा। इसके अलावा राजभवन तक मार्च निकालने की योजना बनाई गई है।

प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की। साथ ही भविष्य में वेतन और पेंशन के समय पर भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।

Read more

Related News