Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा से सबक लेते हुए नई फोरलेन नीति बनाई है। ढली से सैंज तक बनने वाला नया फोरलेन सुरंगों और पुलों पर से गुजरेगा। इस परियोजना में पहाड़ों की कटान नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार ने इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
परियोजना की कुल लागत 1452 करोड़ रुपये आंकी गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि वैज्ञानिक तकनीक अपनाई जाएगी। फोरलेन की डीपीआर में इन बदलावों को शामिल किया जाएगा। यह निर्णय पिछले अनुभवों के आधार पर लिया गया है।
मंत्री ने कहा कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों की कटिंग तकनीक अलग होती है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन में ब्यास नदी के साथ निकाला गया मार्ग समस्याग्रस्त रहा। जमीन धंसने और पहाड़ दरकने से फोरलेन क्षतिग्रस्त हुआ है। नब्बे डिग्री पर की गई कटिंग ने समस्याएं बढ़ाईं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी फोरलेन निर्माण पर सवाल उठाए थे। प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग को 2300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य में वर्तमान में 1638 सड़कें बंद हैं। 650 सड़कों को शुक्रवार शाम तक खोलने का लक्ष्य है।
राज्य सरकार ने 810 मशीनें और 170 डोजर जेसीबी लगाई हैं। विधानसभा ने केंद्र को हिमाचल को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव भेजा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जीएसटी की दो दरें हिमाचल के लिए फायदेमंद होंगी। राहत पैकेज की उम्मीद जताई जा रही है।
