Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में राज्य की खराब आर्थिक स्थिति स्वीकार की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फंड की कमी के कारण विधायकों को इस महीने भी बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिल पाएगा। सीएम ने बताया कि Himachal Pradesh सरकार अभी विधायक क्षेत्र विकास निधि की तीसरी किस्त जारी करने की स्थिति में नहीं है। केंद्र सरकार से आर्थिक मदद मिलने पर ही यह राशि जारी हो पाएगी।
वेतन भत्तों पर गहराया संकट
मुख्यमंत्री ने सदन में माना कि मार्च में विधायकों के वेतन और भत्ते बढ़ाए गए थे। लेकिन सात महीने बीत जाने के बाद भी इनका भुगतान नहीं हुआ है। विधायकों के भत्तों में 60 हजार रुपये की कटौती भी की गई थी। सुक्खू ने कहा कि यह देश की इकलौती विधानसभा है जहां विधायक खुद अपना इनकम टैक्स भरते हैं। उन्हें अपने बिजली और पानी के बिल का भुगतान भी अपनी जेब से करना पड़ता है।
केंद्र की मदद पर टिकी आस
सीएम ने बताया कि Himachal Pradesh का राजस्व अनुदान घाटा (RDG) 11 हजार करोड़ से घटकर 3200 करोड़ रह गया है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू होने के बाद केंद्र ने राज्य की कर्ज सीमा में 4800 करोड़ की कटौती की है। इसके अलावा 1600 करोड़ रुपये की ग्रांट भी रोक दी गई है। सरकार ने खर्च चलाने के लिए सभी गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगा दी है।
विपक्ष ने उठाया था निधि का सवाल
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधायक निधि का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक केवल दो किस्तें ही दी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सराज विधानसभा क्षेत्र में 71 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन सरकार ने सिर्फ 24 लाख रुपये ही जारी किए। इससे जनता का भरोसा टूट रहा है। भाजपा विधायकों ने इसके विरोध में विधानसभा परिसर में धरना भी दिया था।
